2014-03-04 12:00:21

नई दिल्लीः घरेलू श्रमिकों के लिये कानून की मांग


नई दिल्ली, 04 मार्च सन् 2014 (ऊका समाचार): भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के नेतृत्व में गठित श्रमिकों के आधिकारिक मंच "श्रमिक इंडिया फेडरेशन, डब्ल्यू आई एफ, ने भारत सरकार से मांग की है कि वह घरेलू कामगारों के बुनियादी श्रम अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन आईएलओ की परिपाटी की पुष्टि करे।

आईएलओ की परिपाटी 189 विगत वर्ष के सितम्बर माह से विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में लागू की जा चुकी है। इस परिपाटी के तहत श्रमिकों के बुनियादी अधिकार जैसे नियमित भुगतान, काम के घंटे, अवकाश का समय तथा छुट्टी आदि सुनिश्चित्त किये गये हैं। भारत ने इस आधार पर परिपाटी की पुष्टि नहीं की है कि इसके प्रावधानों को लागू करने से पहले श्रमिकों से सम्बन्धित एक कानूनी ढाँचा तैयार करना अनिवार्य है।

"श्रमिक इंडिया फेडरेशन, डब्ल्यू आई एफ, ने भारत सरकार से यह भी मांग की है कि वह व्यापक कानून लाये तथा श्रमिकों के अधिकारों से सम्बन्धित लंबित राष्ट्रीय नीति को मंजूरी दे ताकि प्रत्येक घरेलू कामगार और उसके परिवार को पर्याप्त सुरक्षा प्राप्त हो सके।

पांच राष्ट्रीय श्रमिक आंदोलनों तथा आठ क्षेत्रीय श्रम आयोगों ने नई दिल्ली में भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के तत्वाधान में आयोजित "श्रमिक इंडिया फेडरेशन, डब्ल्यू आई एफ, की दो दिवसीय आम सभा में भाग लिया जो रविवार, दो मार्च को सम्पन्न हुई।

अनुमान है कि भारत में चार से पाँच करोड़ घरेलू श्रमिक हैं। इनमें अधिकांश श्रमिक वैधानिक अधिकारों तथा सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था से वंचित है।








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