2014-02-26 12:01:09

रोगियों पर तेलमलन


वाटिकन सिटी, बुधवार 26 फरवरी, 2014 (सेदोक, वी.आर.) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघऱ के प्राँगण में, विश्व के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को सम्बोधित किया।

उन्होंने इतालवी भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, हम आज कलीसिया के सात संस्कारों पर धर्मशिक्षा माला को जारी रखते हुए रोगियों पर मलन संस्कार पर चिन्तन करें जिसके द्वारा बीमार, पीड़ित और वृद्ध ईश्वर की दयालुतापूर्ण उपस्थिति का अनुभव करते हैं।

भले समारी के दृष्टांत के द्वारा येसु ईश्वर की दयालुता और पीड़ितों के प्रति अपनी दया को प्रकट करते हैं जैसा कि भले समारी ने किया।

प्रभु के येसु का अनुसरण करते हुए काथलिक कलीसिया ईश्वर की दया और कृपा को रोगियों पर तेल मलन संस्कार द्वारा बीमारों और पीड़ितों के लिये उपलब्ध कराता है।

जैसा हम संत जेम्स की पत्र में हम पाते हैं कि आरंभिक कलीसिया के धर्मप्रचारकों ने बीमारों के लिये प्रेरितिक कार्य जारी रखा और पीड़ितों पर तेल मलन कर उन्हें सांत्वना और साहस प्रदान की।

बीमारों पर तेल मलन संस्कार द्वारा कलीसिया पीड़ा और मृत्यु के रहस्य में लोगों का साथ देती है।

एक ऐसे समाज में जहाँ बीमारी और मृत्यु जैसी गूढ़ सच्चाइयों के बारे बातें करने का संस्कार नहीं है वैसी हालत में हमें इस संस्कार के अर्थ को समझने और सराहने की ज़रूरत है।

येसु ख्रीस्त इस संस्कार के द्वारा कलीसिया में अपनी उपस्थिति को प्रकट करते हैं और हमारे विश्वास और आशा को मजबूत करते हैं।

रोगियों पर मलन संस्कार हमें इस बात को बतलाता है कि पाप और मृत्यु भी हमें ईश्वर के मुक्तिदायी प्रेम से कदापि अलग नहीं कर सकते हैं।


इतना कह कर, संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की।

उन्होंने विश्व सिगनिस महासभा के सदस्यों का अभिवादन किया और भारत इंगलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया वेल्स, वियेतनाम, डेनमार्क, नीदरलैंड, नाइजीरिया, आयरलैंड, फिलीपीन्स, नोर्व, स्कॉटलैंड. जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, हॉंन्गकॉंन्ग, अमेरिका और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को विश्वास में बढ़ने तथा प्रभु के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।










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