हैदराबाद, सोमवार 24 फरवरी, 2014 (उकान) आँध्रप्रदेश की विभिन्न कलीसियों के धर्माध्यक्षों
ने मिलकर ख्रीस्तीयों के हितों की रक्षा के लिये एक राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी बनायी
है जिसे इंडियन क्रिश्चियन सेकुलर पार्टी (आईसीएसपी) के नाम से जाना जायेगा।
आईसीएसपी
के राष्ट्रीय अध्यक्ष एम. उदय कुमार ने नयी पार्टी के स्थापना के लिये एकत्रित सभा को
संबोधित करते हुए कहा कि ईसाइयों मुस्लिमों और अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के राजनीतिक
साधन ज़रूरी है। इसके बिना 66 सालों से दलित ईसाइयों के लिये की जा रही जायज माँग कदापि
पूरी नहीं हो सकती।
उन्होंने बतलाया कि पार्टी की एक प्रमुख माँग है दलित ईसाइयों
और मुसलमानों को अनुसूचित जाति अर्थात् ‘सेडयूल्ड कास्ट’ (एससी) का दर्ज़ा दिया जाये।
निर्वाचन
आयोग ने पार्टी का चुनाव चिह्न बिगुल को मान्यता प्रदान कर दी है। पार्टी के झंडा राष्ट्रीय
झंडे के समान ही है और जिसके बीच में कबुतर है जो जैतून की टहनी पकड़े है तथा जिसमें
तीन पत्तियाँ हैं।
नयी पार्टी के गठन के दिन काथलिक और प्रोटेस्टंट कलीसिया
के कई धर्माध्यक्षों ने इसमें हिस्सा लिया।
उद्घाटन समारोह में संस्कृत श्लोकों
का पाठन, दीप प्रज्वलन, वन्देमातरम गायन और बिगुल वादन द्वारा पार्टी के गठन का उद्घोष
किये गये।
राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय कुमार ने कहा कि अब तक ईसाइयों को एक ‘वोट बैंक’
के रूप में ही देखा जाता रहा है पर अब यह सब आ गया है कि ईसाई राजनीतिक निर्णय प्रक्रिया
के सक्रिय भागीदार बनें।
उन्होंने कहा कि ईसाइयों के लिये बजट बनने के बावजूद
इसका पाँच प्रतिशत भी खर्च नहीं किया जाता है।
उद्घाटन समारोह में जद(यू) के
राज्य सभा सदस्य अली अनवर अंसारी ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि रंगनाथ
मिश्र आयोग की सिफारिशों को अब तक लागू नहीं किया है जो दलित ईसाई और मुस्लिमों अनुसूचित
जाति में शामिल करती है।
उन्होंने इस बात को फिर से दुहराया कि धर्म परिवर्तन
से सामाजिक दशा नहीं बदलती है। अन्य वक्ताओं ने भी इस बात पर बल दिया कि पास्टरों और
कलीसिया पर आक्रमण पर राजनीतिक शक्ति से ही काबू पाया जा सकता है।