राँचीः राँची महाधर्मप्रान्त में येसु धर्मसमाजी शहीद की स्वर्ण जयन्ती की तैयारी
राँची, 19 फरवरी सन् 2014 (ऊका समाचार): राँची महाधर्मप्रान्त की कुतुनगिया पल्ली में
सन् 1964 में शहीद हुए येसु धर्मसमाजी पुरोहित फादर हेरमन रासखेर्ट की शहादत की स्वर्ण
जयन्ती की तैयारियाँ चल रही हैं।
डेढ़ माह पूर्व फादर रासखेर्ट की शहादत पर
येसुधर्मसमाजियों ने एक डोक्यूमेनटरी फिल्म भी बनाई है।
सन् 1964 के दंगों में
लोगों की सुरक्षा का प्रयास करनेवाले फादर रासखेर्ट को मार डाला गया था।
पल्ली
पुरोहित फादर जैलास कुल्लु के निर्देशन में शहादत की स्वर्ण जयन्ती की तैयारियाँ चल रही
हैं जिसके तहत शहादत स्थल के आस पास रहनेवाले कई लोगों के साक्ष्य लिये गये हैं।
फादर
रासखेर्ट का जन्म 13 सितम्बर सन् 1922 ई. को नीदरलैण्ड में हुआ था। 07 सितम्बर सन् 1941
को वे येसु धर्मसमाज में भर्ती हुए थे तथा 24 मार्च सन् 1964 ई. को गेरदा में उनकी हत्या
कर दी गई थी।
सन् 1964 के बाद अत्याचारों के कारण कई हिन्दु धर्मानुयायी पूर्वी
पाकिस्तान से भागने को बाध्य हुए थे। इनमें से सैकड़ों के यातनाग्रस्त शवों को, रेलगाड़ियों
द्वारा, कोलकाता से उड़ीसा होते हुए मध्यप्रदेश भेजा गया था।
लोगों के शवों को
देखकर जमशेदपुर एवं राऊरकेला में हिन्दु-मुस्लिम दंगे भड़क उठे थे। मुसलमानों ने कुतुनगिया
पल्ली के निकट गेरदा में शरण ली थी जहाँ 23 मार्च सन् 1964 को सैकड़ों मार डाले गये थे।
इस घटना के दूसरे दिन, 24 मार्च सन् 1964 को, हिन्दुओं एवं मुसलमानों के बीच
सुलह हेतु गेरदा पहुँचे, फादर हेरमन रासखेर्ट को भी मार डाला गया था।