पालायः अपना मत व्यर्थ न जाने दें, धर्माध्यक्षों की अपील
पालाय, 18 फरवरी सन् 2014 (ऊका समाचार): भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने देश
के काथलिकों से अपील की है कि वे आगामी आम चुनाव में अपना क़ीमती वोट व्यर्थ न जाने दें
बल्कि सूझ-बूझ और विवेक के साथ इसका सदुपयोग करें। पालाय में 12 फरवरी को सम्पन्न
अपनी द्विवार्षिक पूर्णकालिक सभा के समापन पर भारत के 187 धर्माध्यक्षों ने एक निर्देशिका
जारी की जिसमें यह स्पष्ट किया कि कलीसिया किसी राजनैतिक पार्टी की तरफदारी नहीं करती
है तथापि, काथलिकों से आग्रह करती है कि वे मत डालने के अपने अधिकार का उचित रीति से
प्रयोग करें। सीबीसीआई के पूर्वाध्यक्ष मुम्बई के कार्डिनल ऑसवल्ड ग्रेशियस द्वारा
हस्ताक्षरित धर्माध्यक्षों के वकतव्य में कहा गयाः "कलीसिया किसी भी राजनैतिक पार्टी
की तरफदारी नहीं करती है तथापि, मतदान के योग्य हर नागरिक को अपने इस अधिकार का प्रयोग,
बुद्धिमानी एवं विवेकपूर्ण ढंग से करना चाहिये।" उन्होंने कहा कि हमें इस बात के
प्रति आश्वास्त रहना चाहिये के हमारा एक भी वोट व्यर्थ न जाये। धर्माध्यक्षों ने
हालांकि प्रौद्योगिकी, विज्ञान और संचार के क्षेत्र में देश में हुई प्रगति को स्वीकार
किया तथापि, कहा कि अभी भी कई क्षेत्र चिन्ता का कारण बने हुए हैं। अमीर और गरीब
के बीच बढ़ती खाई, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण कार्यों का निजीकरण चिंताओं में
सूचीबद्ध किया गया। धर्माध्यक्षों ने खेद व्यक्त किया कि "समाज के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत
रूप में नीति संहिता प्रधानता खो रही है तथा ईश्वर को धीरे धीरे परिधि में ढकेला जा रहा
है।" धर्माध्यक्षों ने कहा कि काथलिक धर्मानुयायियों को उन लोगों के चुनाव हेतु उत्सुक
रहना चाहिये जो आम जनता की उत्कंठाओं को समझने के लिये तत्पर रहते हैं तथा उनकी आवश्यकताओं
को पूरा करने हेतु कदम उठाने के लिये तैयार हैं। धर्माध्यक्षों ने कहा कि कलीसिया
को उन नेताओं की ज़रूरत है जो धर्मनिरपेक्षता की रक्षा तथा अल्पसंख्यकों, आदिवासियों
एवं दलितों के अधिकारों की रक्षा के लिये प्रतिबद्ध हैं। साथ ही ऐसे नेताओं की जो निर्धनों
की मदद करनेवाली अर्थव्यवस्था के पक्षधर तथा पर्यावरण सुरक्षा के प्रति समर्पित हैं।