12 फरवरी को काथलिक कलीसिया सन्त बुओनफिलियो मोनाल्दो
का पर्व मनाती है। बुओनफिलियो, इटली के फ्लोरेन्स नगर में पवित्र कुँवारी मरियम की भक्ति
को समर्पित उन सात लाओदेसी अर्थात् मठवासियों में से थे जिन्होंने मरियम के स्वर्गोत्थान
महापर्व के दिन दिव्य दर्शन प्राप्त किये थे। मरियम दर्शन पाने के उपरान्त उन्होंने एकान्तवासी
एवं प्रार्थनामय जीवन यापन की शपथ ग्रहण की थी। लगभग 15 वर्षों तक मोन्ते सावेरियो में
एकान्तवास के उपरान्त उन्होंने 1240 ई. में मरियम के सेवक अथवा सरवाईट्स नाम धारण किया
था। इनमें से छः मरियम सेवक, फ्लोरेन्स के धर्माध्यक्ष आरदिंगो द्वारा पुरोहित अभिषिक्त
कर दिये गये थे जबकि बुओनफिलियो ने धर्मबन्धु रूप में सरवाईट भ्रातृसंघ एवं लोगों की
सेवा का प्रण किया। सन् 1240 ई. से 1256 ई. वे इस भ्रातृसंघ के मठाध्यक्ष भी रहे थे।
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जनवरी सन् 1256 ई. को बुओनफिलियो मानाल्दो का निधन हो गया था। सन् 1304 ई. में सन्त पापा
बेनेडिक्ट 11 वें ने सरवाईट धर्मसमाज को कलीसिया में मान्यता प्रदान की थी। सन् 1887
ई. में सन्त पापा लियो 13 वें ने फ्लोरेन्स में सरवाईट धर्मसमाज की स्थापना करनेवाले
इन सात पवित्र संस्थापकों को सन्त घोषित कर वेदी का सम्मान प्रदान किया था। सन्त बुओनफिलियो
मोनाल्दो का पर्व 12 फरवरी को मनाया जाता है।
चिन्तनः हम प्रार्थना करें:
याद कर, हे परम दयालु कुँवारी मरियम, कि यह कभी सुनने में नहीं आया कि कोई तेरी मदद माँगने
और तेरी विनतियों की सहायता खोजने तेरे पास आया और तुझसे असहाय छोड़ा गया हो। हे कुँवारियों
की कुँवारी, हे मेरी माँ, इसी आसरे से मैं तेरे पास दौड़ आता हूँ, और कराहते हुए पापी
के रूप में तेरे सामने खड़ा हूँ। हे खीस्त की माँ, मेरी विनती अस्वीकार मत कर, पर दया
से उसको सुन और पूरा कर। आमेन।