वाटिकन सिटी, बुधवार 5 फरवरी, 2014 (सेदोक, वी.आर.) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर
पर संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघऱ के प्राँगण में, विश्व
के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को सम्बोधित किया।
उन्होंने इतालवी
भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, हम आज कलीसिया के सात संस्कारों
पर धर्मशिक्षा माला को जारी रखते हुए यूखरिस्त संस्कार पर चिन्तन करें।
यूखरिस्त,
येसु के पवित्र शरीर और रक्त का संस्कार है। कलीसियाई जीवन का स्रोत, यूखरिस्त संस्कार
हमारे विश्वास, साक्ष्य और सहचार्य की तीर्थयात्रा के हर कदम में हमारा साथ देता है।
यूखरिस्त, वेदी में येसु के बलिदान से मिलने वाली जीवन रोटी से केवल हमें संतुष्ट
नहीं करता पर पवित्र बाईबल से प्राप्त होने वाले ईशवचन की घोषणा से भी हमें पोषित करता
है।
अंतिम व्यारी के समय येसु ने हमें यह पवित्र संस्कार दिया। क्रूस पर चढ़ाये
जानेवाले अपने बलिदान के प्रतीक स्वरूप जब उन्होंने रोटी को तोड़ा और प्याला को अर्पित
किया। ऐसा करते हुए प्रभु येसु ने दयालु पिता ईश्वर को समर्पित किये जाने के लिये एक
धन्यवाद की एक प्रार्थना भेंट की।
येसु का दुःखभोग, मृत्यु और पुनरुत्थान की
यादगारी के रूप में यूखरिस्त, पास्का रहस्य को एक मुक्तिदायी शक्ति के रूप में प्रकट
करता है। आज हम प्रभु के इस वरदान के लिये उन्हें धन्यवाद दें। यूखरिस्त ईश्वर को
आमने-सामने देखने और स्वर्गीय भोज करने का पूर्वाभास है।
आइये, हम प्रार्थना
करें कि पवित्र यूखरिस्त में उपस्थित प्रभु हमारे जीवन और समुदायों को नवीन कर दें।
इतना कह कर, संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की।
उन्होंने पालोटाइन
मिशनरी धर्मबहनों का विशेष अभिवादन किया। और तब उन्होंने इंगलैंड, वेल्स, वियेतनाम, डेनमार्क,
नीदरलैंड आयरलैंड, फिलीपीन्स, नोर्व, स्कॉटलैंड. जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका
और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को विश्वास
में बढ़ने तथा प्रभु के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक
आशीर्वाद दिया।