2014-02-04 12:04:16

वाटिकन सिटीः सन्त पापा फ्राँसिस का चालीसा सन्देश प्रकाशित


वाटिकन सिटी, 04 फरवरी सन् 2014 (सेदोक): वाटिकन ने मंगलवार 04 फरवरी को चालीसा काल के लिये सन्त पापा फ्राँसिस के सन्देश की प्रकाशना कर दी।
"वे धनी थे किन्तु आप लोगों के कारण निर्धन बन गये ताकि आप धनी बन जायें।" कुरिन्थियों को लिखे सन्त पौल के इन शब्दों से सन्त पापा फ्राँसिस ने चालीसा काल के उपलक्ष्य में अपना सन्देश आरम्भ किया।
प्रभु येसु मसीह के दुखभोग की याद में कलीसिया चालीसा काल मनाती है जो इस वर्ष पाँच मार्च से आरम्भ हो रहा है।
सन्त पापा ने कहा कि प्रेरितवर सन्त पौल उक्त शब्दों से कुरिन्थ के विश्वासियों को उदार बनने की प्रेरणा दे रहे थे। वे चाहते थे कि प्रभु येसु का अनुसरण कर, ख्रीस्तीय विश्वासी, जैरूसालेम के ज़रूरतमन्दों की सहायता करें।
सन्त पापा ने कहा कि सन्त पौल के ये शब्द आज के युग में भी समसामयिक हैं। उन्होंने कहा कि प्रभु येसु का इस धरा पर देहधारण उदारता का महान कृत्य है, यह प्रेम का महान कृत्य है जो मानवजाति की मुक्ति के लिये स्वतः के बलिदान से भी नहीं चूकता। सन्त पापा ने कहा कि उदारता एवं प्रेम एक दूसरे के साथ सहभागिता है, अन्यों को सबकुछ में अपने साथ भागीदार बनाना है।
उन्होंने कहा, "प्रेम हमें समान बनाता, समानता का निर्माण करता, वह दीवारों को ध्वस्त कर देता तथा दूरियों को समाप्त कर देता है। ईश्वर ने हमारे साथ यही किया। वस्तुतः, प्रभु येसु मसीह ने मानव हाथों से काम किया, उन्होंने मानव मस्तिष्क से विचार किया, मानव का चयन किया तथा मानवीय हृदय से प्यार किया। कुँवारी मरियम से जन्म लेकर वे सबकुछ में, केवल पाप को छोड़कर, सबकुछ में हमारे जैसे बने।" (गाओदियुम एत स्पेस, 22)।
सन्त पापा ने कहा कि जब हम येसु के प्रेम का अनुसरण कर अपने भाई एवं पड़ोसी की सहायता करते हैं तब ही हम यथार्थ स्वतंत्रता, मुक्ति एवं सुख प्राप्त करते हैं।








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