वाटिकन सिटी, सोमवार 3 फरवरी, 2014 (सीएनए) संत पापा प्रत्येक सप्ताह करीब 1000 पत्र
प्राप्त करते जिसे पत्राचार करने वाले अधिकारी मोन्सिन्योर जुलियानो गल्लोरिनी कहते हैं
कि संत पापा मन से कहीं ज़्यादा ह्रदय से पत्रों को पढ़ते हैं।
28 जनवरी को वाटिकन
रेडियो को के साथ हुई साक्षात्कार में मोन्सिन्योर गल्लोरिनी कहा कि संत पापा लोगों के
पत्रों को दिल से पढ़ते और लोगों के दुःखों में सहभागी होते हैं।
पत्रों की विषयवस्तु
के बारे में पूछे सवाल के उत्तर में गल्लोरिनी ने कहा कि लोग पत्र, पार्सल, चित्रकारी
और कई अन्य तरह की वस्तुयें संत पापा को भेजते हैं। उन वस्तुओं को वाटिकन की पत्राचार
विभाग सावधानीपूर्वक छाँटती और अध्ययन करती है। उन्होंने बतलाया कि पत्रों में लोग
मुख्य रूप से आध्यात्मिक सापीप्य और प्रार्थना का आग्रह करते हैं। कई लोग संत पापा से
विभिन्न मुद्दों पर राय-सलाह माँगते हैं। कई अपनी दुर्दशा की कहानी बतलाते और उससे उबरने
के लिये परामर्श चाहते हैँ।
मोन्सिन्योर जुलियानो ने कहा, विश्व के विभिन्न भागों
से प्राप्त होने वाले पत्रों में कई कवितायें, उपहार और यहाँ तक कि स्कार्फ भी भी होते
हैं। उन्होंने बतलाया कि संत पापा के पत्राचार को व्यवस्थित करने के लिये चार सदस्यीय
दल है जो भाषा के अनुसार पत्रों को बाँटा जाता है। इन पत्रों में मुख्यतः अभिवादन, दिलासा
प्राप्त करने, आध्यात्मिक सामीप्य और प्रार्थना निवेदन, आर्थिक मदद तथा अंतःकरण की बातें
प्रमुख होतीं हैं। मोन्सिन्योर जुलियानो ने बतलाया कि संत पापा सब पत्रों को न पढ़
पाते, न ही उनके उत्तर देना उनके लिये संभव है पर वाटिकन पत्राचार विभाग की ओर से प्रत्येक
पत्र लिखने या उपहार भेजने वाले को संत पापा की ओर से धन्यवाद पत्र अवश्य भेजे जाते हैं।
उन्होंने बतलाया कि जैसा की संत पापा ने खुद ही कहा है कि एक चरवाहे को अपनी भेड़ों
के साथ सदा रहना चाहिये इन पत्रों के आदान-प्रदान द्वारा वे लोकधर्मियों तथा दुनिया के
लोगों से जुड़े रहते हैं।