2014-02-01 14:36:26

आगामी वर्ष होगा ‘समर्पित जीवन’ का


वाटिकन, शनिवार, 1 फरवरी 2014 (वीआर सेदोक): धर्मसंधी एवं धर्मसमाजियों की प्रेरिताई के लिए गठित परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल जो ब्राज़ दी अविज़ ने 31 जनवरी को वाटिकन में आयोजित एक प्रेस सम्मेलन में कहा कि आगामी वर्ष समर्पित जीवन का वर्ष होगा।
कार्डिनल ने कहा कि संत पापा फ्राँसिस ने नवम्बर माह में धर्मसमाज प्रमुखों की सभा में समर्पित जीवन के वर्ष की घोषणा की थी।
कार्डिनल अविज ने जानकारी दी कि वाटिकन द्वितीय महासभा की स्वर्ण जयन्ती के अवसर पर आगामी वर्ष समर्पित जीवन का वर्ष होगा। उन्होंने कहा, "हम विश्वास करते हैं कि समिति ने न केवल समस्त कलीसिया के लिए किन्तु विशेषकर, समर्पित जीवन को ध्यान में रखते हुए यह निश्चय किया है। हमें य़कीन है कि इन 50 वर्षों में समर्पित जीवन ने नवीनीकरण की एक फलप्रद यात्रा की है निश्चय ही कठिनाइयों एवं चुनौतियों के साथ समर्पित जीवन के लिए सुसमाचारी शपथों की मांगों के प्रति समर्पित। प्रभु, कलीसिया और अपने धर्मसमाजों की विशिष्टता के प्रति विश्वस्त तथा आज के लोगों के प्रति उदार।
उन्होंने कहा कि इस कारण समर्पित जीवन के वर्ष का प्रथम उद्देश्य "अतीत का आभारपूर्ण स्मरण" है। दूसरा उद्देश्य उन्होंने बतलाया कि अतीत के इस साकारात्मक दृष्टिकोण से हम भविष्य का आलिंगन आशा के साथ करना चाहते हैं। यद्यपि, दुनिया जिन चुनौतियों कासामना करस रही है, कलीसिया भी समर्पित जीवन में इसका अनुभव करती है तथापि, धर्मसमाजी अपनी शक्ति पर भरोसा न रखकर ईश्वर पर भरोसा रखते एवं आशामय जीवन व्यतीत करते हैं और इस आशा को उन से कोई नहीं छीन सकता।"
समर्पित जीवन वर्ष के तीसरे उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कार्डिनल ने कहा, "यह आशा हमें "वर्तमान को उत्साह के साथ जीने" से नहीं रोक सकती। यह उत्साह है ख्रीस्त के साथ प्रेम, सच्ची मित्रता एवं गहन एकता। यही जीवन की सच्ची सुन्दरता है। कई धर्मसमाजी आज भी सुसमाचारी व्रत लेते एवं ख्रीस्त का अनुसरण अधिक नज़दीकी से करते हैं। इस प्रकार समर्पित जीवन का वर्ष सुसमाचारी प्रकाश द्वारा लोगों को विभिन्न धर्मसमाजी बुलाहट में ख्रीस्त का अनुसरण करने की सुन्दरता का अनुभव करने में मदद करेगा।
आशा की जा रही है कि समर्पित जीवन के वर्ष की शुरूआत इस वर्ष के अक्टूबर माह में होगी जिसमें द्वितीय वाटिकन महासभा द्वारा जारी लुमेन जेनसियुम यानी लोगों की ज्योति नामक कलीसियाई संविधान पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा जिसमें धर्मसमाजी समर्पित जीवन एक खास अध्याय है। इस वर्ष का अन्त नवम्बर 2015 में हो जायेगी।








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