ओडिशाः ऑस्ट्रलियाई पादरी की हत्या का मामला 15 साल बाद भी कोर्ट में
ओडिशा, 29 जनवरी सन् 2014 (ऊका समाचार): ऑस्ट्रेलियाई पादरी ग्राहम स्टेन्स तथा उनके
दो नाबालिग बच्चों की 15 साल पूर्व की गई हत्या का मामला अभी उड़ीसा की एक अदालत में
चल रहा है जिसमें एक आरोपी अब तक फ़रार है। विगत शुक्रवार, मिशनरी ग्राहम स्टुअर्ट
स्टेंस की विधवा और उनके दो बच्चों की माँ, ग्लेडिस स्टेन्स, 1999 में हुई हत्या के लिए,
पिछले साल गिरफ्तार दो और संदिग्धों की सुनवाई में, उड़ीसा के खुर्दा जिला न्यायालय के
समक्ष पेश हुई थी। उड़ीसा के मानवाधिकार कार्यकर्त्ता एवं काथलिक पुरोहित फादर अजय
कुमार सिंह ने कहा, "यह तथ्य कि मामला इतने लम्बे समय से घसीटा जा रहा है तथा कम से कम
एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाना अभी भी बाकी है हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली की
विफलता को स्पष्टतया दर्शाता है।" 22 जनवरी 1999 को, क्योंझर जिले के मनोहरपुर
में, पादरी स्टेन्स और उनके दो नाबालिग बेटों को उस समय मार डाला था जब वे अपने वाहन
में सो रहे थे। हिन्दु चरमपंथियों ने उस वाहन में आग लगा दी थी जिसमें पिता और उनके दोनों
बच्चे सो रहे थे। शुक्रवार को, स्टेंस की विधवा के साथ साथ दो अन्य जांच अधिकारियों
ने भी गवाही दी। इस सुनवाई के दौरान ग्लेडिस स्टेन्स ने अपने पति के कुछ सामानों की पहचान
की लेकिन हमलावरों की पहचान करने में वे विफल रही। फादर अजय सिंह ने कहा, "आरोपियों
के अपराध को स्थापित करना राज्य की ज़िम्मेदारी है। उन्होंने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित
कराया कि हत्या के समय ग्लेडिस स्टेन्स घर पर थी इसलिये उनसे हमलावरों की पहचान करने
की मांग करना व्यर्थ है।" उन्होंने कहा कि केन्द्रीय सरकार एवं राज्य सरकार दोनों
को यह सन्देश भेजना चाहिये कि देश का कानून कारगर है अन्यथा, दण्डमुक्ति में वृद्धि होगी
तथा चरमपंथी एवं फासीवादी ताक़तें जब चाहें तब आक्रमण के लिये स्वतंत्र हो जायेंगी।
ग़ौरतलब है कि 2003 में उड़ीसा की एक अदालत ने मुख्य संदिग्ध, दारा सिंह, को सज़ाये-मौत
तथा 12 अन्य संदिग्धों को उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई थी। बाद में, दारा सिंह की सज़ा उम्र
क़ैद में बदल दी गई थी। उक्त 12 व्यक्तियों में, महेन्द्र हेमब्रम की उम्र क़ैद बरकरार
रखी गई है जबकि 11 अन्यों को बरी कर दिया गया है। इसी बीच, विगत मई माह में भीड़ का
हिस्सा होने के आरोप में रंजन महंत और घनश्याम महंत नामक दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया
गया था। तीसरा आरोपी बुधिया नायक अभी भी फ़रार है।