2014-01-23 13:04:51

‘वार्ता’ अर्थात् दूसरे का भला होने पर विश्वास


वाटिकन सिटी, वृहस्पतिवार 23 जनवरी 2014 (सेदोक,वीआर) वाटिकन प्रेस कार्योलय ने 23 जनवरी वृहस्पतिवार को 48वें विश्व सम्प्रेषण दिवस मनाये जाने के लिये संत पापा फ्राँसिस के संदेश की प्रकाशना कर दी है।

अगले विश्व सम्प्रेषण दिवस की विषयवस्तु है ‘वार्ता की संस्कृति की सेवा में सम्प्रेषण’। संत पापा ने कहा कि हम आज एक ऐसी दुनिया में रहते हैं, जहाँ पड़ोसी बनना आसान है हम एक दूसरे से जुड़ गये हैं और एक-दूसरे परस्पर निर्भर हो गये हैं। फिर भी पूरी दुनिया में जो विभाजन देखने को मिलता है, वह बहुत गंभीर है - विशेष कर विश्व स्तर पर अमीर और निर्धन के बीच खाई चिंताजनक है।

संत पापा ने कहा हमारी दुनिया में विभिन्न तरह के बहिष्कार, पार्श्वीकरण और निर्धनता है जिसके आर्थिक, राजनीतिक वैचारिक और धार्मिक कारण हैं। ऐसी दुनिया में मानव परिवार में एकता. सहयोग की भावना बढ़ाने तथा मानव मर्यादा को सुनिश्चित करने में सम्प्रेषण के साधन अपना योगदान दे सकते है।

उन्होंने कहा कि डिजीटल संयोजकता हमें अपने पड़ोसियों से भी अलग कर सकता है। ख्रीस्तीयों के लिये पड़ोसी कौन है? पड़ोसी वही है जो भला समारी है जो न केवल निकट जाता है, उसके प्रति ज़िम्मेदार है। सम्प्रेषण का अर्थ है इस बात को समझना कि हम मानव प्राणी है, ईश्वर की संतान है और मानवता की प्रगति का दायित्व उठाते हैं।

संत पापा ने कहा कि प्रभावपूर्ण ख्रीस्तीय साक्ष्य का अर्थ यह नहीं है कि लोगों के दिमागों को धार्मिक संदेशों से भर देना पर उनकी सेवा के लिये उपलब्ध होना, धैर्यपूर्वक उनकी समस्याओं को समझना तथा सत्य की उनकी खोज करने तथा मानव जीवन के अर्थ को समझने में मदद देना।

संत पापा ने कहा आज ज़रूरत है हम एम्माउस के चेलों के समान बनने की ताकि हम सबों के साथ वार्ता करें, उनकी आशाओं, संदोहों और अपेक्षाओं को समझें और उन्हें येसु मसीह के सुसमाचार को बतलायें जिसने हमारे लिये अपने प्राण दिये और हमें पाप और मृत्यु से बचाया।

उन्होंने कहा कि ‘वार्ता’ का अर्थ है इस बात पर विश्वास करना कि हर दूसरे व्यक्ति से हम कुछ अच्छी बातें पा सकते हैं।

सम्प्रेषण, सूचना क्राँति और सूचना तकनीकि आज हमें आमंत्रित करती है कि हम नयी शक्ति से उत्साहित होकर लोगों के साथ चलें और उन्हें ईश्वर के सत्यता को बतलायें।











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