2014-01-22 13:54:15

अन्तरकलीसियाई महासभा ने सीरिया में शांति की अपील की



जेनेवा, बुधवार 22 जनवरी 2014 (सेदोक,वीआर) सीरिया में शांति के लिये जेनेवा द्वितीय महासभा के मद्देनज़र सीरिया और मध्य पूर्वी कलीसिया तथा वर्ल्ड कौंसिल ऑफ़ चर्चेस ने 15 से 17 जनवरी तक एक महासभा का आयोजन किया और जेनेवा सभा के सामने कई प्रस्ताव रखने पर विचार किया।

सभा के अन्त में उन्होंने जेनेवा द्वितीय महासभा के समक्ष कई माँगे रखी। उन माँगों में सीरिया में चल रही सशस्त्र हिंसा को तुरन्त बन्द करने, अपह्रतों या कैदियों को तुरन्त रिहा करने और शर्णार्थियों को मानवीय मदद देने आदि प्रस्ताव प्रमुख हैं।

विभिन्न कलीसियाई संगठनों की तीसरी माँग यह भी है कि सीरिया के पुनर्निर्माण तथा शांति स्थापना के लिये एक वृहत और समावेशी योजना बनाये जायें जिसमें महिलाओं और युवाओं की भागीदारी हो।

कलीसिया के नेताओं ने कहा है कि जेनेवा में आयोजित शांति निर्माण प्रक्रिया पारदर्शी हो और इसमें सीरियाई जनता की वैध आकांक्षाओं का ध्यान दिया जाये।

इस प्रक्रिया में उन सब बातों पर ध्यान दिया जाये जिससे शांति, राष्ट्रों की अखंडता और स्वतंत्रता का सम्मान हो। सीरिया की धार्मिक, जातीय तथा पारंपारिक विभिन्नतों को सुरक्षा एवं संरक्षण दी जाये।

विभिन्न कलीसियाओं के नेताओं ने कहा कि वे सीरिया में शांति की अपील करते हैं और हम अपने मुसलमान भाई-बहनों के साथ एक साथ मिलकर कार्य करने को तैयार हैं।

उन्होंने कहा कि मुसलमानों के साथ हमारा सामाजिक और आध्यात्मिक इतिहास भी एक ही है। हम चाहते हैं कि राष्ट्रीय मेल-मिलाप और क्षमा को आपसी विश्वास के द्वारा सुदृढ़ किया जाये।

मालूम हो अन्तरकलीसिया महासभा में जर्मनी, फ्राँस इटली, ईरान, लेबनान, नीदरदलैंड, नोर्व, रूस, स्वीडेन, स्विटजरलैंड, इंगलैंड और अमेरिका के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

इसमें संत इजीदिया समुदाय, लूथरन वर्ल्ड फेडेरेशन, पाक्स क्रिस्ती इंटरनैशनल, रेलिजन फॉर पीस एंड वर्ल्ड स्टूडेंट क्रिश्चियन फेडेरेशन के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।












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