2014-01-22 14:37:45

अन्तरकलीसियाई एकता


वाटिकन सिटी, बुधवार 22 जनवरी 2014 (सेदोक, वी.आर.) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघऱ के प्राँगण में, विश्व के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया।

उन्होंने इतालवी भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, हम इस सप्ताह हम ख्रीस्तीय एकता सप्ताह मना रहें हैं। ख्रीस्तीय एकता सप्ताह की विषयवस्तु कुरिन्थियों के पत्र से लिया गया है जिसमें संत पौल प्रश्न करते हैं क्या मसीह विभाजित हैं? फिर वे आगे कहते हैं कि हम सबको मालूम है कि मसीह विभाजित नहीं हैं फिर हमारे समुदाय सदा विभाजन का अनुभव करते रहते हैं जो सुसमाचार प्रचार के मार्ग में दूसरों के लिये ठोकर का कारण बनता है।

कुरिन्थियों को डाँटते हुए प्रेरित संत पौल हमें इस बात की याद दिलाते हैं कि हम आनन्द मनायें उन आध्यात्मिक वरदानों के साथ जिसे ईश्वर ने हमें दिया है। वे कहते हैं कि प्रत्येक ख्रीस्तीय को ईश्वर का वरदान प्राप्त है जो हमारे जीवन को समृद्ध करते हैं। आज हमें चाहिये नम्रता, निर्णयक्षमता और पश्चात्ताप।

संत पापा ने कहा कि इस ख्रीस्तीय अठवारा में हम प्रेरित संत पौल की शिक्षा पर चिन्तन करते हुए विश्वास में मजबूत हों और हम येसु के शिष्य रूप में ईमानदारी और पवित्रता की खोज करते हुए उनकी इच्छा को पूर्ण करें।

इतना कह कर, संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की।

उन्होंने एक्यूमेनिकल ग्राजूएट स्कूल ऑफ़ बोस्सी, ब्रिटिश आर्मी चैपलिनों तथा जेविश फेडेरेशन ऑफ़ चिकागो के तीर्थयात्रियों का विशेष अभिवादन किया।



उन्होंने इंगलैंड, वेल्स वियेतनाम, डेनमार्क, नीदरलैंड आयरलैंड, फिलीपीन्स, नोर्व, स्कॉटलैंड. जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को विश्वास में बढ़ने तथा प्रभु के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।










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