वाटिकन सिटी, सोमवार 6 जनवरी, 2014 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्रांसिस ने रविवार 5 जनवरी
2014 को रविवारीय देवदूत प्रार्थना के लिये संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्रित
तीर्थयात्रियों के साथ प्रार्थना करने के बाद येरूसालेम की प्रेरितिक यात्रा करने की
घोषणा की है। संत पापा फ्राँसिस 24 से 26 मई तक येरूसालेम की यात्रा करेंगे। उन्होंने
कहा कि यह वर्ष संत पापा पौल षष्टम् के येरूसालेम यात्रा की पचासवीं वर्षगाँठ है। पचास
वर्ष पहले संत पापा पौल षष्टम् ने सार्वभौमिक कलीसिया के महाधर्मगुरु रूप में पहली बार
पवित्र भूमि येरूसालेम की यात्रा की थी और प्राधिधर्माध्यक्ष (पैट्रियार्क) अथेनागोरास
से मुलाकात की थी। संत पापा ने अपने कार्यक्रम के बारे में बतलाते हुए कहा कि वे
अपनी यात्रा के दौरान अम्मान, बेथलेहेम और पवित्र नगरी येरूसालेम का दौरा करेंगे। उन्होंने
कहा कि उनकी प्रेरितिक यात्रा में एक अन्तरकलीसियाई सम्मेलन का भी आयोजन किया जायेगा
जिसमें विभिन्न कलीसियाओं के प्रतिनिधि ‘चर्च ऑफ़ द होली सेपुलकरे’ में मुलाक़ात करेंगे।
इस सभा में कोन्सतनतिनोपल के प्राधिधर्माध्यक्ष बारथोलोमी भी उपस्थित होंगे। संत
पापा ने उपस्थित लोगों से प्रेरितिक तीर्थयात्रा की सफलता के लिये प्रार्थना की अपील
की है। मालूम हो 4 जनवरी सन् 1964 ईस्वी संत पापा पौल षष्टम् ने ‘होली लैंड’ की
यात्रा की थी जो किसी संत पापा द्वारा पहली यात्रा थी। संत पापा धन्य जोन पौल द्वितीय
ने जुबिली वर्ष सन् 2000 में येरूसालेम की यात्रा की ‘वेइलिंग वॉल’ में यहूदी विधि से
प्रार्थना चढ़ायी थी और ईसाइयों के उन पापों के लिये क्षमा याचना की थी जिसे उन्होंने
यहूदियों के विरुद्ध किया। संत पापाओं की परंपराओं को जारी रखते हुए संत पापा बेनेदिक्त
सोलहवें ने सन् 2009 में येरूसालेम की यात्रा की ‘याद वाशेम होलोकोस्ट मेमोरियल’ स्थल
का दौरा किया था और लोगों से अपील की थी कि कलीसिया प्रयास करे कि आपसी घृणा को हमेशा
के लिये मिटा जाये।
विदित हो कि संत पापा फ्राँसिस ने सन् 1973 में अर्जेन्टिना
के एक जेस्विट सुपीरियर रूप में पवित्र भूमि सहित इस प्राँत की यात्रा पहले ही कर लिया
है।