भ्रातृत्व ही हमारे देश को बुराई से बचा सकता है, कार्डिनल ग्रेसियस
मुम्बई, शनिवार, 4 जनवरी 2014 (एशियान्यूज़): भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के
अध्यक्ष एवं मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ग्रेसियस ने संत पापा फ्राँसिस द्वारा
विश्व शांति दिवस के संदेश पर चिंतन प्रस्तुत किया। उन्होंने एशिया न्यूज़ से कहा,
"सिर्फ भ्रातृत्व ही हमारे प्रिय देश को बुराई, भेदभाव एवं सामाजिक असमानता से बचा सकता
है। हम सभी भाई-बहन हैं। विश्व को एक बेहत्तर स्थान बनाने के लिए हमें एक परिवार की तरह
जीना चाहिए।" विदित हो कि संत पापा फ्राँसिस ने 1 जनवरी को विश्व शांति दिवस के लिए
एक संदेश प्रेषित किया है जिसका शीर्षक है "भ्रातृत्व, शांति का आधार और मार्ग।" कार्डिनल
ने कहा कि संत पापा का यह शांति संदेश आज भारत के परिपेक्ष्य में बिलकुल सटीक है। हमारे
देश में स्थायी शांति, विकास एवं उन्नति के अग्रदूत बनने के लिए भ्रातृत्व की अति आवश्यकता
है। उन्होंने कहा कि संत पापा ने कहा है कि ईश्वर को पिता स्वीकार करना तथा सभी को ईश
संतान मानना ही सच्चा भ्रातृत्व है। हम भारत वासी प्रतिज्ञा करते हैं कि भारत के सभी
नागरिक आपस में भाई- बहन हैं अतः एक ही पिता के बच्चे हैं। दुर्भाग्य से जन संस्कृति
की प्रचलित लोकाचार में धन का स्थान प्रमुख होता नजर आ रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप समाज
में गरीबी एवं सामाजिक असमानता बढ़ रही है। कार्डिनल ने कहा कि वार्ता एवं अपने
आप से बाहर आकर अन्यों की आवश्यकता पहचानने द्वारा हम बेहत्तर विश्व का निर्माण कर सकते
हैं। सांप्रदायिकता, जाति प्रथा और भ्रष्टाचार जैसे बुराइयाँ जो भारत में लगातार खतरा
पैदा करती हैं उनसे लड़ने हेतु उन्होंने सभी का आह्वान किया तथा प्रार्थना की कि प्रत्येक
भारतवासी भ्रातृत्व की भावना से प्रेरित हो।