वाटिकन सिटीः नववर्ष पर देवदूत सन्देश में सन्त पापा ने की शांति की मंगलकामना
वाटिकन सिटी, 01 जनवरी सन् 2014 (सेदोक): नववर्ष के दिन, सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के
प्राँगण में, देवदूत प्रार्थना के लिये, उपस्थित तीर्थयात्रियों को सम्बोधित कर सन्त
पापा फ्राँसिस ने सम्पूर्ण विश्व में शांति एवं न्याय की मंगलकामना की। उन्होंने
कहाः "प्रिय भाइयो एवं बहनो, नववर्ष के प्रारम्भ में, आप सबके प्रति मैं शांति एवं खुशहाली
की मंगलकामना करता हूँ। मेरी मंगलकामना, कलीसिया की मंगलकामना है, ख्रीस्तीय धर्म की
मंगलकामना है। आरम्भ होते नये चक्र की कोई जादुई या भाग्य से जुड़ी मंगलकामना नहीं है।
हम जानते हैं कि इतिहास का एक केन्द्रबिन्दु है और वह है देहधारी येसु ख्रीस्त जो मरे
एवं पुनः जी उठे, इसका एक अन्त हैः ईश राज्य, शांति का राज्य, न्याय, स्वतंत्रता एवं
प्रेम का राज्य; एक शक्ति है जो इसे उस अन्त तक ले जाती हैः पवित्रआत्मा।" सन्त पापा
ने कहा, "पवित्रआत्मा ही प्रेम की शक्ति है जिसने कुँवारी के गर्भ को प्रजनन शक्ति प्रदान
की; वे ही शांति निर्माताओं की समस्त योजनाओं एवं कार्यों को अनुप्राणित करते हैं। दो
मार्ग हैं जो एक दूसरे से मिलते हैं और वे हैं ईश माता मरियम का महापर्व तथा विश्व शांति
दिवस। आठ दिन पहले स्वर्गदूतों की स्वर्गिक उदघोषणा गूँजी थीः "स्वर्ग में प्रभु की महिमा
और पृथ्वी पर उसके कृपा पात्रों को शांति"। आज इसी उदघोषणा को हम मरियम से पुनः ग्रहण
करें जो सभी बातों को अपने हृदय में संजोकर रखती थीं ताकि नववर्ष में यह हमारा मार्गदर्शन
कर सके।" सन्त पापा ने कहाः "अपनी आशाओं को हम मुक्तिदाता की माँ मरियम के सिपुर्द
करें। मरियम शांति हेतु सभी स्त्री पुरुषों की पुकार को सुनें, उन सबकी पुकार सुनें जो
युद्ध एवं हिंसा से पीड़ित हैं ताकि प्रतिशोध एवं भ्रष्टाचार पर वार्ताओं एवं पुनर्मिलन
का साहस विजयी हो। मरियम से हम विनती करें ताकि कलीसिया द्वारा उदघोषित भ्रातृत्व का
सुसमाचार प्रत्येक के अन्तःकरण को खटखटाये, मनुष्यों के बीच बनी दीवारों को ध्वस्त कर
दे तथा शत्रुओं को एक दूसरे में भाई को पहचानने का साहस दे।" इतना कहकर सन्त पापा
ने अपना सन्देश समाप्त किया तथा सभी को नववर्ष की शुभकामनाएँ अर्पित करते हुए अपना आशीर्वाद
प्रदान किया।