2013-12-28 12:07:11

याँगोनः "भ्रातृत्व" म्यानमार में शांति का एकमात्र रास्ता, महाधर्माध्यक्ष चार्ल्स बो


याँगोन, 28 दिसम्बर सन् 2013 (एशियान्यूज़): याँगोन के काथलिक महाधर्माध्यक्ष चार्ल्स बो ने कहा है कि सन्त पापा फ्राँसिस द्वारा दिये गये भाईचारे के सन्देश पर अमल कर ही म्यानमार में शांति की स्थापना की जा सकती है।
नववर्ष के उपलक्ष्य में प्रकाशित अपने सन्देश में महाधर्माध्यक्ष चार्ल्स बो ने लिखा, "नववर्ष की पूर्वसन्ध्या म्यानमार स्वतंत्रता, प्रजातंत्रवाद, शांति, आशा एवं इस प्रिय देश के विभिन्न लोगों के बीच भ्रातृत्व के नवीन युग के उषाकाल की तैयारी कर रहा है।"
बर्मा के काथलिकों के नाम पहली जनवरी सन् 2014 के उपलक्ष्य में प्रेषित अपने शांति सन्देश में महाधर्माध्यक्ष बो ने आशा व्यक्त की है उनका सन्देश लोगों में विश्वास एवं एकता को जागृत करेगा।
महाधर्माध्यक्ष ने स्मरण दिलाया कि विगत दो वर्षों से, लोकतंत्रवाद की स्थापना तथा आर्थिक एवं राजनैतिक सुधारों द्वारा म्यानमार ने अपने द्वार विश्व के प्रति खोले हैं जिसमें नागर समाज, मीडिया तथा राजनैतिक कार्यकर्ताओं को और अधिक जगह मिली है। उन्होंने कहा कि स्थायी शांति के लिये देश की विभिन्न जातियों एवं समुदायों के बीच शांति स्थापित की जाना तथा समस्त राजनैतिक बन्दियों को रिहा किया जाना वाँछित लक्ष्य हैं।
महाधर्माध्यक्ष बो ने काथलिक कलीसिया की धर्मशिक्षा को उद्धृत कर इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि "शांति न्याय की बेटी है" तथा दोनों अनिवार्य हैं। विश्व शांति दिवस हेतु सन्त पापा फ्राँसिस के सन्देश का स्मरण कर उन्होंने कहा कि सन्त पापा ने "भ्रातृत्व को शांति का आधार एवं मार्ग" बताया है जिसपर अमल कर म्यानमार में न्याय एवं स्थायी शांति की स्थापना की जा सकती है।








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