वाटिकन सिटी, शनिवार, 21 दिसम्बर 2013 (सीएनए): वाटिकन स्थित प्रेरितिक प्रासाद के संत
मार्था प्रार्थनालय में संत पापा फ्राँसिस ने 20 दिसम्बर को ख्रीस्तयाग प्रवचन में मौन
के महत्व को समझने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा, "मौन वास्तव में एक बादल है जो
ईश्वर के साथ हमारे संबंध के रहस्य, हमारी पवित्रता एवं हमारे पाप को ढक देता है। हम
इस रहस्य का वर्णन नहीं कर सकते हैं किन्तु जहाँ हमारे जीवन में मौन नहीं है यह रहस्य
खो जाती है। अतः मौन रहकर इस रहस्य की रक्षा करें।" संत पापा ने शुक्रवार के दैनिक
पावन ख्रीस्तयाग में सुसमाचार के उस पाठ पर चिंतन किया जहाँ गाब्रिएल दूत द्वारा कुँवारी
मरिया को येसु के जन्म का संदेश प्राप्त होता है तथा मरिया पवित्र आत्मा से परिपूर्ण
हो जाती है।
ईश्वर के मानव शरीर धारण करने के रहस्य को विशेष रूप से सुरक्षित
रखा गया। संत पापा ने कहा, "कुँवारी मरिया के साथ यही हुआ जब उन्होंने अपने पुत्र
येसु को गर्भ में धारण किया, उनके कुँवारी माता बनने का रहस्य छिपा दिया गया। यह उनके
सम्पूर्ण जीवन को ढक लिया जिससे वे अवगत थीं।" "कितनी बार वे मौन रहीं एवं कितनी बार
उन्होंने अपने पुत्र के साथ संबंध की रक्षा के लिए कुछ नहीं कहा।" विशेषकर जब वे क्रूस
के नीचे खड़ी थीं। वे चुपचाप थीं किन्तु प्रभु से कितनी बातें कहीं होंगी। माता मरिया
एक मानव प्राणी थी अतः उन्होंने ईश्वर से प्रश्न भी किया होगा किन्तु जिस रहस्य को उन्होंने
खुद नहीं समझा उसे मौन रहकर छिपाये रखा। उसे बढ़ने तथा विकसित होने दिया। संत पापा
ने कहा जिस प्रकार माता मरिया ने मौन की शक्ति को जिया, सभी ख्रीस्तीय जानते है कि ईश्वर
हमारे हृदय एवं आत्मा में कार्य करते हैं। मौन हमें जीवन के रहस्यों से अवगत कराता है,
प्रभु से मुलाकात करने एवं येसु के साथ चलने के हमारे रहस्य से। अंत में उन्होंने
प्रार्थना की कि प्रभु मौन को प्यार करने, उसे ढ़ूढ़ने एवं अपने हृदय में मौन के बादल
द्वारा रक्षा करने की कृपा प्रदान करे।