वाटिकन सिटी, बुधवार 18 दिसंबर, 2013 (सेदोक, वी.आर.) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर
पर संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघऱ के प्राँगण में, विश्व
के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को इतालवी भाषा में सम्बोधित किया।
उन्होंने
कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, हम इन दिनों आगमन काल में हैं और
येसु के जन्म दिन मनाने की आध्यात्मिक तैयारी कर रहे हैं। ख्रीस्तमस आशापूर्ण खुशी का
त्योहार है क्योंकि ईश्वर ने येसु रूप में मनुष्य बनना स्वीकार किया। येसु जो सच्चा ईश्वर
और सच्चा मानव है। उन्होंने दुनिया की दुःख तकलीफ़ों संघर्षों और निर्धन जीवन को स्वीकर
करते हुए हमारे समान मानव बनना स्वीकार कर हमें अपना विशेष प्यार दिखलाया है। येसु सचमुच
एम्मानुएल है अर्थात् ईश्वर हमारे साथ। येसु हमारे लिये इसी सबसे बड़ उपहार को हमें देते
हैं। एक ऐसा दिव्य प्रेम जो हमारे दिलों को चंगा करते और हमारे ह्रदय को बदल डालते हैं
ताकि हम अनिश्चितता और निराशावादिता पर विजय प्राप्त करें।
जब हम आनन्द से विभोर
होकर ख्रीस्त जयन्ती पर चिन्तन करें तो यह हम इस बात को समझने की श्कति प्रदान करे कि
ईश्वर हमारे लिये मानव बने और आज ईश्वर की ओर से हमारे लिये भी बुलावा है कि हम भी उन्हीं
के समा बनें। हम नम्र बने दूसरों के करीब रहें विशेषकर के जो गरीब है ज़रूरंतमंद हैं।
आइय हम माता मरिया की मध्यस्थता द्वारा प्रार्थना करें कि वह हमें मदद दे ताकि
हम अपने पड़ोसियों में मानव बने येसु के चेहरे को देख सकें। हम आज उस ज्योति में निवास
करें जो बेथलेहेम में चमका था और हज़ारों के दिल में शांति और आनन्द का प्रसार किया।
इतना कह कर, संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की।
उन्होंने इंगलैंड,
वेल्स वियेतनाम, डेनमार्क, नीदरलैंड आयरलैंड, फिलीपीन्स, नोर्व, स्कॉटलैंड. जापान, कनाडा,
ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार
के सदस्यों को विश्वास में बढ़ने तथा प्रभु के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना
करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।