वाटिकन सिटी, सोमवार 16 दिसम्बर 2013 (वीआर सेदोक): वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर
के प्रांगण में, रविवार 15 दिसम्बर को संत पापा फ्राँसिस ने विश्वासियों के साथ देवदूत
प्रार्थना का पाठ किया, देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को संबोधित
कर कहा, "अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात, आज आगमन का तीसरा रविवार है
जो "गौदेते" अर्थात् ‘आनन्द का रविवार’ के नाम से भी जाना जाता है। इन दिनों धर्मविधि
हमें आनन्द मनाने के लिए बार-बार निमंत्रण देती है। ऐसा क्यों? क्योंकि प्रभु नजदीक हैं,
ख्रीस्त जयन्ती अत्यन्त करीब है। माँ होने के नाते कलीसिया हमें ख्रीस्त जयन्ती मनाने
हेतु आध्यात्मिक यात्रा में भरोसा जारी रखते हुए नवीकृत आनन्द के लिए प्रोत्साहन देती
है। ख्रीस्तीय संदेश, "सुसमाचार" एक शुभ संदेश है, सभी लोगों के लिए, आनन्द की घोषणा।
कलीसिया दुःखी जनों का स्थान नहीं है। यह एक आनन्द का घर है तथा दुःखी इसमें आनन्द प्राप्त
करते हैं, एक सच्चा आनन्द।" संत पापा ने कहा, "सुसमाचार अपने आप में आनन्द नहीं
है किन्तु यह आज हमें ईश्वर द्वारा स्वीकार एवं प्यार किए जाने की याद दिलाती है। नबी
इसायस कहते हैं ईश्वर वे हैं जो हमें बचाने तथा डरे हुए हृदय का उद्धार करने आये हैं।
उनका हमारे बीच आना हमें सशक्त करता, साहस प्रदान करता, आनन्दित करता एवं हमारे मरुस्थल
रूपी नीरस जीवन में भी फूल खिलाता है, जब ईशवचन रूपी जल एवं उनके प्यार की आत्मा का संचार
होता है। हमारी कमजोरी एवं अयोग्यता में भी हम भाग्यशाली है क्योंकि इस निर्बलता के कारण
हम कठिनाईयों एवं कमज़ोरियों के समय दुविधा में नहीं पड़ते। दूसरी ओर, हम अपने हाथों
एवं घुटनों को मजबूत करते तथा साहसी एवं निर्भयी बनते क्योंकि ईश्वर हम पर निरंतर अपनी
करुणा की महानता प्रदर्शित करते हैं। वे हमें आगे बढ़ने की शक्ति प्रदान करते हैं। वे
हमेशा हमारे साथ हैं हमें आगे बढ़ने में मदद देते हैं। ईश्वर हमें बहुत प्यार करते हैं।"
संत पापा ने कहा, "हम उनकी सहायता से निरंतर आगे बढ़ें, हम हमेशा नयी शुरूआत कर सकते
हैं। हम किस प्रकार पुनः शुरूआत कर सकते हैं? कुछ लोग कह सकते हैं, मैंने पाप किया है
मैं एक घोर पापी हूँ मैं नयी शुरूआत नहीं कर सकता हूँ। यदि आप ऐसा सोच रहे हैं तब आप
ग़लत सोच रहे हैं। आप एक नयी शुरूआत कर सकते हैं क्योंकि वे आपका इंतजार कर रहे हैं,
वे आपको प्यार करते हैं। वे दयालु एवं क्षमाशील हैं, वे आपको पुनः शुरूआत करने का बल
प्रदान करते हैं। हम अपनी आँख खोल सकते हैं दुःख से उबर सकते हैं तथा एक नया गीत गा सकते
हैं और दुःख के समय भी आनन्दित रह सकते हैं, क्योंकि ख्रीस्तीय आनन्द एक छिछला आनन्द
नहीं है यह ईश्वर पर भरोसा रखने वालों के अंतरतम में पहुँचता है। ख्रीस्तीय आनन्द
की आशा का आधार है ईश्वर की विश्वसनीयता जो अपनी प्रतिज्ञा को सदा पूरा करते हैं। नबी
इसायस उन लोगों को आमंत्रित करते हैं जिन्होंने रास्ता खो दिया है तथा ईश्वर की विश्वसनीयता
पर भरोसा रखने से निराश हो चुके हैं। ईश्वर की मुक्ति उनके जीवन में प्रकट होने में देर
नहीं करेगी, जिन्होंने जीवन रास्ते पर येसु से मुलाकात की है तथा अपने हृदय में उनकी
पवित्रता और आनन्द को महसूस किया है। उसे उन्हें कोई भी छीन नहीं सकता। हमारा आनन्द येसु
ख्रीस्त हैं उनका विश्वास एवं प्यार का कभी अन्त नहीं है। इसलिए जब एक ख्रीस्तीय उदास
हो जाता है कहा जा सकता है कि वह येसु से दूर चला गया है। किन्तु हमें उस व्यक्ति का
परित्याग नहीं करना चाहिए हमें उसके लिए प्रार्थना करना एवं समुदाय में स्वीकृति का अनुभव
देना चाहिए। संत पापा ने माता मरिया से प्रार्थना की कि कुँवारी मरिया हमें बालक येसु
से मुलाकात हेतु बेतलेहेम की ओर तेजी से आगे बढ़ने में हमारी सहायता करे। बालक येसु जो
हमारे लिए, हमारी मुक्ति तथा सारी मानव जाति की खुशी के लिए जन्में हैं। दूत ने मरियम
से कहा थाः "प्रणाम प्रभु की कृपा पात्री, प्रभु तेरे साथ हैं"(लूक.1:28) आप हमारे परिवारों
और पल्लियों को आशीष दीजिए तथा सभी परिस्थितियों में सुसमाचार के आनन्द को जीने में हमारी
सहायता कीजिए। आश्चर्य और कोमलता के साथ एक आंतरिक आनन्द। जब एक माँ अपने नवजात शिशु
को निहारते हुए अनुभव करती है कि उसे ईश्वर की कृपा प्राप्त है एवं एक चमत्कार हुआ है
तो वह सिर्फ कृतज्ञता ही प्रकट कर सकती है। इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय
के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया। देवदूत
प्रार्थना के पश्चात् उन्होंने कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो आपको बारिस में भिंगते देख
मैं दुःखी हूँ किन्तु आप बहुत साहसी हैं। आप सभी को धन्यवाद। संत पापा ने रोम के बच्चों
को संबोधित कर कहा, आज, मैं रोम के बच्चों का अभिवादन करता हूँ। रोम द्वारा बच्चों के
लिए परम्परागत रूप से बालक येसु के आशीर्वाद के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
प्यारे बच्चों, जब आप चरनी के सम्मुख प्रार्थना करेंगे तो मुझे भी याद करें जैसा कि मैं
आप सभी को याद करता हूँ। धन्यवाद एवं ख्रीस्त जयन्ती मुबारक हो। अंत में संत पापा
ने देश विदेश से एकत्र सभी पर्यटकों एवं तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया तथा शुभ रविवार
की मंगल कामना अर्पित की।