परिस्थिति में स्थिरता हेतु एक अर्थपूर्ण कदम की आवश्यकता
कोलम्बो, शनिवार, 14 दिसम्बर 2013 (एशिया न्यूज़): श्रीलंका के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन
ने एक प्रेरितिक पत्र प्रेषित कर शरणार्शियों को आश्रय, सत्य बोलने, सभी प्रकार के अत्याचार
को दूर करने, तमिल एवं सिंघलियों को मिलकर कार्य करने तथा शांति बनाये रखने हेतु अपील
की है। उन्होंने देश में चल रहे संकट का समाधान प्राप्त करने के प्रयास में निम्नलिखित
बातें लिखीं। श्रीलंका के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष एवं कोलम्बो के महाधर्माध्यक्ष
कार्डिनल मालकोम रंजित ने कहा, "प्रेरितिक पत्र सरकार, राष्ट्रपति एवं किसी विशेष राजनीतिक
दल को लक्ष्य कर नहीं लिखा गया है किन्तु यह आम तौर पर सभी लोगों से एक अपील है।" प्रेरितिक
पत्र गत 8 दिसम्बर को जारी किया गया था। पत्र में कहा गया था कि काथलिक धर्माध्यक्षों
का विश्वास है कि युद्ध के अंत होने के पश्चात् उत्तर पूर्वी राजनीतिक परिस्थिति में
स्थिरता लाने हेतु एक अर्थपूर्ण कदम उठाये जाने की आवश्यकता है, जो युद्ध प्रभावित लोगों
को साधारण जीवन यापन में मदद करेगी। देर करना एवं टाल-मटोल करना सिर्फ आपसी शांति में
जटिलता बढ़ायेगी।" विदित हो कि विगत कुछ महीनों से श्रीलंका में तमिल एवं सिंघली
लोगों के बीच मतभेद के कारण हिंसा की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी।