वाटिकन सिटी, सोमवार 9 दिसंबर, 2013 (सेदोक, वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 7 दिसंबर
को लोकधर्मियों के लिये बनी परमधर्मपीठीय समिति की 26वीं पूर्वकालिक सभा को संबोधित किया
और ‘डिजीटल युग में येसु की घोषणा’ पर अपने संदेश दिये।
संत पापा ने कहा कि कलीसिया
इस बात पर सदा ध्यान देती है कि वह नये तरीकों से सुसमाचार का प्रचार करे। इस युग में
लोकधर्मियों का योगदान और साक्ष्य अपरिहार्य है।
संत पापा विश्व युवा दिवस दिवस,
2013 की विषयवस्तु की याद दिलाते हुए कहा, "इसलिये जाओ सारी दुनिया को अपना शिष्य बनाओ।"
यह आज्ञा हमें ख्रीस्तीय जीवन के मिशनरी पक्ष की ओर इंगित करती है। प्रत्येक ख्रीस्तीय
को चाहिये कि वह लोगों के पास जाये, क्योंकि लोग सुसमाचार के जीवन्त जल के लिये तरस रहे
हैं। हम उनके पास जायें, जो गरीब और हाशिये पर हैं।
संत पापा ने कहा, "हमने इसका
अनुभव किया है कि ख्रीस्त से मिलने का आनन्द दुनिया में फैलता जाता है और यह आशा में
बदल जाता है।"
5 से 7 दिसंबर तक रोम में आयोजित इस सभा में संत पापा ने सम्मेलन
की विषयवस्तु की ही सराहना करते हुए कहा, ‘डिजीटल युग में सुसमाचार का प्रचार’ आज की
युवा पीढ़ी के लिये मानो एक उपहार है क्योंकि इंटरनेट आज पूरी दुनिया में फैल गयी है।
यह जटिल है, पर इसका विस्तार होता जा रहा है। पर इसके विकास ने विश्वास और संस्कृति संबंधी
कई गंभीर प्रश्न छोड़ दिया है। संत पापा ने सम्मेलन में उपस्थित प्रतिनिधियों से
कहा कि वे हर चीज़ का परीक्षण करें, विशेष करके इंटरनेट में उपलब्ध अवसरो तथा खतरों दोनों
का और तब पवित्र आत्मा की प्रेरणा से हम अच्छे अवसरों को पहचानें और लोगों को अगवाई करें
ताकि वे ईश्वर के उज्ज्वल चेहरे को देख सकें।
संत पापा ने कहा कि डिजीटल मीडिया
हमें कई सुविधायें प्रदान करते हैं उनमें सबसे महत्वपूर्ण सुसमाचार का प्रचार ही है।
उन्होंने कहा कि तकनीकि क्षमतायें ज़रूरी है पर यह सबकुछ नहीं है। यह आवश्यक है कि हम
लोगों से मिलें, आहतों और खोये हुओं से मिलें तथा उन्हें आशा प्रदान करें जो उनके लिये
येसु के साथ एक निजी मुलाक़ात बनेगी।
संत पापा ने कहा कि सदा उपस्थित रहना ज़रूरी
है पर सुसमाचारी तरीके से और जीवन संबंधी प्रश्न करना और लोगों को उसका ऐसा उत्तर देना
जो उन्हें येसु तक पहुँचायेगा।