2013-12-07 16:07:33

सच्ची ख्रीस्तीय प्रार्थना


वाटिकन सिटी, शनिवार, 7 दिसम्बर 2013 (वीआर अंग्रेजी): वाटिकन स्थित प्रेरितिक प्रासाद के संत मार्था प्रार्थनालय में पवित्र मिस्सा अर्पित करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने 6 दिसम्बर को उपदेश में सच्ची ख्रीस्तीय प्रार्थना पर चिंतन प्रस्तुत किया।
उन्होंने कहा, "एक सच्ची ख्रीस्तीय प्रार्थना विश्वासियों की आवश्यकताओं को धीरज के साथ प्रस्तुत करता एवं उन आवश्यकताओं को प्राप्त करने हेतु प्रभु पर पूर्ण आस्था रखता है उस परिस्थिति में भी जब उसे प्राप्त करने का कोई स्पष्ट रास्ता न दिखाई देता हो। इस कारण प्रार्थना करने वाला ईश्वर को परेशान करने से नहीं हिचकता है तथा पिता के प्यार में पूरा भरोसा रखता है।"
संत पापा ने संत मत्ती रचित सुसमाचार में वर्णित उस घटना पर चिन्तन किया जहाँ दो अंधे व्यक्तियों ने चंगाई पाने के लिये येसु से अर्जी की थी।
संत पापा फ्राँसिस ने एक अन्य अन्धे व्यक्ति की याद की जो चंगाई पाने के लिये प्रार्थना कर रहा था। उन्होंने कहा, येसु हमसे आग्रह के साथ प्रार्थना करने कि शिक्षा देते हैं।
इसे स्पष्ट करने के लिये उन्होंने दुष्ट मित्र के दृष्टांत को बतलाया जो रात को अपने मित्र से खाना माँगने जाता है और उस दुष्ट न्यायकर्त्ता का दृष्टांत जिसमें विधवा के बारंबार आग्रह पर वह उसके लिये न्याय का प्रबंध करता है। दोनों ही घटनाओं में उनके धैर्यपूर्ण आग्रह के कारण उनकी अर्जी सुनी जाती है। दोनों ही घटनाओं में उनके धैर्यपूर्ण आग्रह के कारण उनकी बातें सुनी जाती है। दुष्ट मित्र के दृष्टांत में जब उसका मित्र रात में उससे खाना माँगने जाता है तथा दुष्ट न्याय करता जो विधवा के बारंबार आग्रह पर न्याय का प्रबंध करता है क्योंकि उन्होंने बड़े धीरज के साथ आग्रह किया। उन दो अंधे व्यक्तियों ने प्रमाणित किया अपने दृढ़ विश्वास कि येसु उन्हें चंगा कर सकते हैं।
येसु हमें सलाह देते हैं कि हम उनके दरवाजे पर दस्तक दें, उन्हें आवाज दें, पिता ईश्वर को परेशान करने से न डरें।








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