वाटिकन सिटी, बुधवार, 4 दिसम्बर 2013 (वीआर सेदोक): बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर
पर, संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में विश्व
के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया। उन्होंने
इतालवी भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, हम काथलिक कलीसिया
के प्रेरितों के धर्मसार संबंधी धर्मशिक्षा माला को जारी करते हुए ‘देह का पुनरुत्थान’
पर चिंतन करें। हम ख्रीस्त के पुनरुत्थान एवं हमारे पुनरुत्थान के संबंधों में तीन
पहलुओं पर चिंतन कर रहे हैं। पहला, सुसमाचार हमें बतलाता है कि पुनरुत्थान में हमारा
विश्वास येसु ख्रीस्त पर आधारित है जिन्होंने स्वयं कहा है "पुनरुत्थान एवं जीवन मैं
हूँ।" पाप को छोड़ वे सब कुछ में हमारी ही तरह हैं, ख्रीस्त हमें अपने आप में सम्मिलित
करते हैं जिससे कि हम उनके साथ पिता के पास यात्रा कर सकें। पुनर्जीवित ख्रीस्त ने ईश्वर
में एक होने की प्रतिज्ञा के अनुसार अपने शिष्यों को पवित्र आत्मा प्रदान किया जो अपने
आप में असीम हैं। अनन्त जीवन की प्रतीक्षा हमारी आशा का स्रोत एवं कारण है। यदि इसे अर्जित
करते एवं इसकी रक्षा करते हैं तो यह हमारे व्यक्तिगत एवं सामुदायिक जीवन पथ को आलोकित
करेगी। दूसरा, ख्रीस्त मृत्यु के पश्चात् महिमान्वित शरीर में जी उठे। ख्रीस्त में
हमारा शरीर भी महिमान्वित किया जायेंगा तथा पुनरुत्थान में हमारी आत्मा के साथ पुनः एक
हो जायेगी। इसलिए संस्कार में पुनर्जीवित ख्रीस्त का अनुभव करना विशेषकर, पवित्र युखरिस्त
में, हमारी आत्मा एवं शरीर को स्वर्ग में पुनः एक होने के लिए तैयार करता है। तीसरा,
यद्यपि येसु हमें अंतिम दिन पुनर्जीवित कर देंगे, तथापि वे हमें वर्त्तमान में अपने पुनरुत्थान
के सहभागी बनाना चाहते हैं। बपतिस्मा द्वारा हम उनकी मृत्यु एवं पुनरुत्थान में सम्मिलित
हो चुके हैं तथा नया जीवन का अनुभव करते हैं। बपतिस्मा द्वारा अनन्त जीवन का बीज हम में
रोप दिया गया है। इस प्रकार अनन्त जीवन के प्रतीक की मोहर हम में लग चुकी है यह हमें
सभी लोगों के जीवन का सम्मान करने का आह्वान करता है विशेषकर, जो दुःख सहते हैं। इस प्रकार
हम ईश्वर के राज्य की निकटता का अनुभव कर सकते हैं जिसकी ओर हम सभी यात्रा कर रहे हैं। इतना
कह कर, संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की। उन्होंने इंगलैंड, वेल्स, डेनमार्क,
नीदरलैंड आयरलैंड, फिलीपिन्स, नोर्वे स्काटलैं,जपान कनाडा स्ट्रेलिया, अमेरिका और देश-विदेश
के सभी तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को विश्वास में बढ़ने
तथा प्रभु के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद
दिया।