2013-11-28 15:14:42

जिन्हें न तो खुद और न ही वृद्धों की चिंता है उनका कोई भविष्य नहीं


ब्यूएनोस आयरेस, बृहस्पतिवार, 28 नवम्बर 2013 (सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने 25 नवम्बर को बोयनेस आयरेस के टी. एन टीवी पर साक्षात्कार देते हुए युवा बेरोजगार के मुद्दे पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने आधुनिक युवाओं के सड़कों पर व्यर्थ घूमने की संस्कृति की निंदा करते हुए कहा कि इस आदत ने युवाओं को कमजोर बुजूर्गों से अलग कर दिया है।
उन्होंने कहा," आज हम एक अन्यायपूर्ण अन्तरराष्ट्रीय संरचना में जी रहे हैं जिसके केन्द्र में ‘रुपया’ है।" यह एक ऐसी संस्कृति है जो युवाओं एवं बुजूर्गों को एक दूसरे से अलग कर देती है। कई यूरोपीय देशों में करीब 40 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं। समस्त युवा जगत में काम द्वारा मिलने वाली प्रतिष्ठा का अभाव है।
संत पापा ने कहा, "व्यक्ति जिन्हें न तो खुद और न ही वृद्धों की चिंता है उनका कोई भविष्य नहीं है।" युवा समाज के भविष्य को अपने कंधे पर लेते हैं जबकि वृद्ध समाज को अपना विवेक प्रदान करते हैं








All the contents on this site are copyrighted ©.