वाटिकन सिटी, सोमवार, 25 नवम्बर 2013 (सेदोक, वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 25 नवम्बर
को यूक्रेन के तीर्थयात्रयों से मुलाक़ात की जो संत जोसाफात के अस्थि को संत पेत्रुस
बसिलिका में स्थानांत्रित करने की 50वी वर्षगाँठ के अवसर पर रोम की तीर्थयात्रा कर रहे
हैं।
तीर्थयात्री दल का नेतृत्व यूकेरेनियन कलीसिया के मेज़र महाधर्माध्यक्ष
धन्य स्भियातोसले ने किया।
मालूम हो संत जोसाफात एक मठवासी थे जो महाधर्माध्यक्ष
बने और सन 1630 ईस्वी में विश्वास की रक्षा के लिये शहादत प्राप्त की।
तीर्थयात्रियों
को संबोधित करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "शहीद संत जोसाफात की याद से संतों की
संगति और एकता में मजबूत हों और वे जो येसु के हो गये हैं उनकी संबंध घनिष्ठ हो। यह एक
ऐसा सत्य है जो हमें अनन्त जीवन का पूर्वानुभव प्रदान करता है अर्थात् हमारा जीवन संतों
के साथ एक हो जाते है।"
संत पापा ने कहा, "कलीसिया के साथ एक हो जाने से ख्रीस्तीय
जीवन का प्रत्येक पहलु एक-दूसरे से एक होने, सहयोग करने, सीखने और एक साथ मिलकर विश्वास
का साक्ष्य देने की प्रबल इच्छा से पूर्ण हो जाता है।यही इच्छा एक दूसरे को समझन, आदर
करने, स्वीकार करने और भ्रातृप्रेम के साथ जीवन को योग्य बनाने की प्रेरणा देता है।"
संत पापा ने कहा कि संत जोसाफात के समान कलीसिया में कई शहीद हैं जो कलीसिया
की समृद्धि है और इससे कलीसिया आध्यात्मिक ताकत प्राप्त करती है।