खेल में निष्ठा, सम्मान एवं आपसी सामंजस्य का होना आवश्यक
वाटिकन सिटी, शनिवार 23 नवम्बर 2013 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने 22 नवम्बर को
रग्बी खिलाड़ियों एवं अर्जेंटिना के राजदूत के साथ इटली एवं अर्जेंटीना के राष्ट्रीय
रग्बी टीम के अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने खिड़ाड़ियों से कहा, "खेल में निष्ठा
एवं सम्मान है।" उन्होंने कहा कि रग्बी एक थकाने वाला खेल है जो चरित्र एवं मानसिक शक्ति
को गढ़ने में मदद करता है। उन्होंने खेल एवं जीवन की तुलना की और कहा कि जब एक दल के
खिलाड़ी दूसरे दल के खिलाड़ियों का सामना करते हैं तब दल एवं व्यक्ति के बीच सामंजस्य
होना आवश्यक है विशेषकर, दलों के बीच। लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक की कुशलता
की आवश्यकता है जो जीवन के लक्ष्य की याद दिलाती है। संत पापा ने कहा कि खेल में लक्ष्य
की प्राप्ति थकाऊ है जो संघर्ष एवं समर्पण की मांग करता है महत्वपूर्ण बात यह है अकेला
नहीं दौड़ना है। लक्ष्य तक पहुंचने के लिए एक साथ दौड़ने की आवश्यकता है तथा गेंद को
हाथों से पार करना एवं जब तक गेंद लक्ष्य तक नहीं पहुँच जाती साथी खिलाड़ियों के साथ
सहयोग करने की आवश्यकता है। जीत के पश्चात् उल्लास होता है। संत पापा ने खेल के इस मनोभाव
को जीवन में उतारने की प्रेरणा दी। उन्होंने अपने लिए प्रार्थना की अपील की कि वे अपने
सहयोगियों के साथ एक अच्छा टीम बना सकें। मुलाकात के दौरान अर्जेंटीना एवं इटली की
टीमों ने संत पापा को उपहार रूप जैतून का एक पौधा भेंट किया जो रोम के ऑलम्पिक स्टेडियम
में शनिवार को जब दोनों दलों के खिलाड़ी मैदान में मिलेंगे तो प्रतीकात्मक रूप में रखा
जाएगा। खेल के पश्चात् पौधा को वाटिकन के बाग़ में रोप दिया जाएगा। विदित हो कि संत
पापा फ्राँसिस ने पुनः एक बार खेल के प्रति अपनी रुचि प्रमाणित की। इसके पूर्व भी वे
खिलाड़ियों से मुलाकात कर चुके हैं।