पणजी, गोवा, 20 नवम्बर, 2013 (उकान) गोवा दमन दियु के महाधर्माध्यक्ष फिलेपी नेरी फेराव
ने कहा है कि धन्य जोसेफ़ वाज़ की संत घोषणा की प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण मोढ़ पर पहुँच
गयी है क्योंकि उनकी मध्यस्थता से हुए एक चमत्कार की रिपोर्ट को वाटिकन ने स्वीकार कर
लिया है।
महाधर्माध्यक्ष ने उक्त बात की जानाकारी धर्माध्यक्ष निवास में एक यूखरिस्तीय
बलिदान के दौरान दिया।
19 नवम्बर, सोमवार की संध्या गोवा बिशप्स हाउस में सम्पन्न
इस यूखरिस्तीय बलिदान में भारत के लिये वाटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष साल्वातोरे पेन्नाकियो
भी उपस्थित थे। मिस्सा के बाद धन्य जोसेफ वाज़ और धन्य जोन पौल द्वितीय की प्रतिमा को
परिसर में स्थापित किया गया।
महाधर्माध्यक्ष फेर्राव ने कहा कि गोवा की कलीसिया
को पूरा विश्वास है कि धन्य जोसेफ वाज़ संत बनाये जायेंगे और आशा है कि यह नेक इच्छा
जल्द ही पूर्ण हो जायेगी।
उन्होंने बतलाया कि श्री लंका के कैंडी के धर्माध्यक्ष
वियेन्नी फेरनन्दो ने संत बनाये जाने की प्रक्रिया और प्रगति के बारे में अंतिम जानकारी
भेजी है।
मालूम हो कि धन्य जोसेफ वाज़ गोवा के एक धर्मी पुरोहित थे जिन्होंने
300 साल पूर्व श्रीलंका में अपनी सेवायें दीं।
इस अवसर पर लोगों से आग्रह किया
कि वे प्रार्थना करते रहें।
मालूम हो कि संत बनाये जाने की प्रक्रिया में सबसे
पहले संत के उम्मीदवार को ईश्वर का सेवक घोषित किया जाता है तब एक चमत्कार के बाद धन्य
और दो चमत्कारों की पुष्टि के बाद उन्हें संत घोषित किया जाता है।
धन्य जोसेफ
वाज़ को सन् 1995 ईस्वी में धन्य घोषित किया जा चुका है और वे गोवा और दमन के संरक्षक
हैं।