विश्वास वर्ष का समापन, संत पापा फ्राँसिस के प्रथम धर्मशिक्षा पत्र का प्रकाशन
वाटिकन सिटी, मंगलवार, 19 नवम्बर 2013 (वीआर, अंग्रेजी): संत पापा फ्राँसिस रविवार 24
नवम्बर को, संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में, ख्रीस्त राजा महापर्व के समारोही
ख्रीस्तयाग के साथ काथलिक कलीसिया में ‘विश्वास को समर्पित वर्ष’ का समापन करेंगे। वाटिकन
सुत्रों के अनुसार पावन ख्रीस्तयाग के दौरान प्रेरित संत पेत्रुस के अवशेष को पहली बार
अनावृत किया जाएगा। इस समारोह में संत पापा फ्राँसिस विश्वव्यापी कलीसिया के तीन प्रतिनिधियों
को एक दस्तावेज प्रदान करेंगे तथा फिलीपींस के समुद्री तूफान हेयान के शिकार लोगों के
प्रति विशेष उदारता भाव प्रदर्षित करेंगे। सुसमाचार की घोषणा संबंधी परमधर्मपीठीय
समिति के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष रिनो फिसीकेल्ला तथा सदस्यों ने विश्वास को समर्पित
वर्ष के अंतिम सप्ताह का कार्यक्रम सोमवार को एक प्रेस सम्मेलन में जारी कर दिया है। विज्ञप्ति
के अनुसार, रविवार को समारोही पवित्र मिस्सा के दौरान संत पापा फ्राँसिस प्रतीकात्मक
रूप में अपनी प्रथम धर्मशिक्षा "एवानजेली गाउदियुम" (सुसमाचार का आनन्द) की प्रतियाँ
एक लतिनी धर्माध्यक्ष, एक तंजानियाई पुरोहित तथा एक आस्ट्रेलियन उप-याजक को प्रदान करेंगे। ज्ञात
हो कि धर्मशिक्षा एवानजेली गाउदियुम को 26 नवम्बर को, एक प्रेस सम्मेलन में अधिकारिक
तौर पर जारी किया जाएगा। रविवार के पावन ख्रीस्तयाग में धर्मसंघी, पुरोहित, धर्मबहनें
एवं विश्वास वर्ष के विभिन्न समितियों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। प्रतिनिधियों में दृढ़ीकरण
संस्कार ग्रहण करने वाले, एक सेमिनेरियन, एक नवशिष्य, एक परिवार, प्रचारक, युवा, भ्रातृसंघ
के सदस्य एवं नेत्रहीन व्यक्ति को शामिल किया गया है। संत पापा उन्हें प्रेरितिक धर्मशिक्षा
की एक ऑडियो सी.डी प्रदान करेंगे। धर्माध्यक्ष फिसीकेल्ला ने बतलाया कि काथलिक विश्वास
को समर्पित वर्ष में करीब 80 लाख लोगों ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस की कब्र के दर्शन
कर अपने विश्वास की घोषणा की है। विदित हो कि विश्वास वर्ष की घोषणा 11 अक्तूबर 2012
को ससम्मान सेवा निवृत संत पापा बेनेडिक्ट 16वें ने की थी। विश्वास वर्ष के समापन
के पूर्व वाटिकन में दो अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना बाकी है: बृहस्पतिवार को
मनन-चिंतन दिवस एवं शनिवार को नव दीक्षित ख्रीस्तीयों के साथ संत पापा की मुलाकात। धर्माध्यक्ष
फिसीकेल्ला ने कहा, "विश्वासियों के विश्वास को पूरी तरह सजीव बनाने के लिए समर्पित वर्ष
का समापन है।"