वाटिकन सिटी, सोमवार, 18 नवम्बर 2013 (वीआर सेदोक): वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर
के प्राँगण में, रविवार 17 नवम्बर को, संत पापा फ्राँसिस ने देवदूत प्रार्थना का पाठ
किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने उपस्थित विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, अति
प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात, संत लूकस रचित रविवारीय सुसमाचार पाठ अंतिम दिनों
पर आधारित येसु के प्रवचन का प्रथम भाग है। येसु ने य़ेरुसालेम मंदिर के निकट उन लोगों
के सम्मुख जो मंदिर की सुन्दरता की चर्चा कर रहे थे संबोधित कर घोषणा की, "वे दिन आ रहे
हैं, जब जो कुछ तुम देख रहे हो, उसका एक पत्थर भी दूसरे पत्थर पर नहीं पड़ा रहेगा-सब
ढा दिया जाएगा"। (लूक 21:6) तब वे प्रभु से पूछते हैं, गुरुवर, यह कब होगा और किस चिन्ह
से पत्ता चलेगा कि यह पूरा होने को है? संत पापा ने कहा कब, कहाँ और किस प्रकार जैसे
गौण पहलूओं से येसु हमारा ध्यान यथार्थ पहलू की ओर खींचते हैं। यथार्थ पहलू दो प्रकार
के हैः पहला, येसु सलाह देते हैं कि झूठे मसीहा से सावधान रहें तथा भय से शक्तिहीन न
हो जाएँ। दूसरा, दृढ़ता पूर्वक साक्ष्य देते हुए हम एक आशामय जीवन व्यतीत करें। हम इस
समय इन्तज़ार की घड़ी में हैं प्रभु के आगमन के इन्तज़ार में। संत पापा ने कहा यद्यपि
हम 21वीं सदी में जी रहे हैं तथापि येसु का यह प्रवचन हमेशा वर्तमान में है। वे हमें
बतलाते हैं कि सावधान रहो। तुम्हें कोई नहीं बहकाये क्योंकि बहुत से लोग मेरा नाम लेकर
आयेंगे।"(पद.8) उन्होंने कहा कि यह ख्रीस्तीय सदगुण के अनुसार निर्णय लेने का एक निमंत्रण
है कि कहाँ पर प्रभु की आत्मा है एवं कहाँ बुराई की आत्मा है। आज भी नकली मुक्तिदाता
हैं जो इस दुनिया के नेता, गुरु और जादूगर रूप में हमारे दिल और दिमाग को आकर्षित कर
खुद को येसु के स्थान में रखना चाहते हैं। विशेषकर, युवाओं को। येसु हमें चेतावनी देते
हैं, "उनके पीछे मत जाओ।" वे हमें युद्ध, क्राँति, प्राकृतिक आपदाओं एवं महामारी से नहीं
डरने के लिए सहायता करते हैं। येसु हमें भाग्यवाद एवं झूठे दिव्य दर्शनों से मुक्त करते
हैं। दूसरा पहलू, ख्रीस्तीय एवं कलीसिया की चुनौतियों के बारे में कहता है। येसु कहते
हैं कि उनके नाम पर शिष्यों को अदालतों, अत्याचार एवं संघर्ष से होकर गुजरना होगा किन्तु
वे वचन देते हैं, "फिर भी सिर का एक बाल भी बाँका नहीं होगा।" (पद.18) यह हमें याद दिलाता
है कि हम पूर्ण रुप से ईश्वर के हाथों में हैं। सुसमाचार पर विश्वास एवं समर्पण के कारण
विपत्ति हमारे लिए साक्ष्य देने का सुअवसर होगा। ऐसा अवसर हमे प्रभु से दूर नहीं किन्तु
अधिक निकट ले आयेगा पवित्र आत्मा की शक्ति एवं उसकी कृपा। संत पापा ने कहा कि इस
समय हम उन सभी भाई बहनों की याद करते हैं जो विश्वास के कारण अत्याचार सहते हैं। उनकी
संख्या बहुत अधिक है शायद पहली शताब्दी के ख्रीस्तीयों से भी अधिक। येसु उनके साथ हैं
हम भी अपनी प्रार्थनाओं एवं स्नेह से उनके साथ हैं। हम उनके साहस एवं साक्ष्य की सराहना
करते हैं। हम हमारे उन भाई बहनों का संसार के विभिन्न हिस्सों में येसु ख्रीस्त पर विश्वास
के कारण अत्याचार सहते हैं सभी का सहृदय सम्मान करते हैं। अंत में येसु विजय की गारंटी
देते हैं, "अपने धीरज से तुम अपने जीवन को बचा लोगे।" (पद.19) येसु के इन शब्दों में
कितनी आशा है। वे आशा एवं प्रतीक्षा करने की याद दिलाते हैं जिससे कि हम मुक्ति के फल
प्राप्त करने का इंतजार कर सकें। जीवन एवं इतिहास के गहरे अर्थ में परीक्षाएँ एवं कठिनाईयाँ
बड़े अनुभव के छोटे रूप हैं एवं इतिहास के प्रभु सब कुछ को पूर्ण करते हैं। संसार भर
में प्रभाव डालने वाले उथल-पुथल एवं मुसीबतों के बावजूद ईश्वर की अच्छाई और दया की योजना
पूर्ण होगी। यही आशा हमें विश्वास के रास्ते पर आगे बढ़ने में मदद करती है। संत पापा
ने कहा कि येसु का यह संदेश हमारे वर्त्तमान पर चिंतन करने की प्रेरणा तथा साहस एवं आशा
के साथ मरिया की संगति में इसका सामना करने का बल प्रदान करता है। माँ मरिया जो सदा हमारे
साथ चलती है। इतना कहने के पश्चात् संत पापा ने देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा
सभी को अपना प्रेरितिक आर्शीवाद प्रदान किया। देवदूत प्रार्थना के उपरांत उन्होंने सभी
पयर्टकों एवं तीर्थयात्रियों को सम्बोधित कर कहा, "मैं रोम, ईटली एवं विश्व के विभिन्न
हिस्सों से एकत्र आप सभी का अभिवादन करता हूँ।
आज रोम में एरीट्रीयन समुदाय संत
मिखाएल का पर्व मनाती है, मैं उनका सहृदय अभिवादन करता हूँ। आज "सड़क दुर्घटना के
शिकार" लोगों को याद करने का दिन है। मैं अपनी प्रार्थना का आश्वासन देते हुए सड़क दुर्घटना
से बचने के लिए नियमों के पालन का प्रोत्साहन देता हूँ क्योंकि विवेक एवं सड़क नियम का
पालन खुद तथा दूसरों की सुरक्षा का प्रथम तरीका है। संत पापा ने उपस्थित विश्वासियों
को रोज़री की एक पैकेट भेंट करते हुए कहा, मैं आप लोगों को दवा लेने के लिए सलाह देता
हूँ। आप में से कुछ लोग सोच सकते हैं कि संत पापा एक दवा विक्रेता बन गये है। आप के लिए
यह एक विशेष प्रकार की दवा है जो संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में विश्वास को समर्पित
वर्ष के अंत में इसके फल प्राप्त करने के लिए एकत्र हैं। यह 59 बिटों की एक आध्यात्मिक
दवा है जिसका नाम है ‘दया’। इसके अंदर रोज़री है जिसके द्वारा आप ईश्वरीय दया की माला
विन्ती कर सकते हैं। अपनी आत्मा के लिए आध्यात्मिक मदद तथा अन्यों के बीच प्यार, क्षमा
और भाईचारा बांटने के लिए। इसे अपने साथ लेना न भूलें क्योंकि यह हृदय, आत्मा और जीवन
के लिए अच्छा है। अंत में संत पापा ने सभी को रविवार की शुभकामनाएँ दी।