गोवा के काथलिक परिवारों द्वारा 2,000 एस.सी.सी प्रतिनिधियों को शरण
पानाजी, मंगलवार, 12 नवम्बर 2013 (उकान): गोवा के काथलिक परिवारों ने अद्वितीय सांस्कृतिक
संबंध का परिचय देते हुए लघु ख्रीस्तीय समुदायों (एससीसी) को विकसित करने के प्रयास पर
देशभर के 2,000 प्रतिनिधियों को शरण देने का निश्चय किया है। लघु ख्रीस्तीय समुदायों
का राष्ट्रीय सम्मेलन पहली बार जीसस महागिरजाघर के परिसर में 19 से 21 नवम्बर को आयोजित
किया गया है। अतिथियों का स्वागत 17 से 18 नवम्बर के बीच राज्य के विभिन्न ख्रीस्तीय
परिवारों में किया जाएगा। जॉन पौल नोरोनहा पल्ली वासियों में से एक ने उका समाचार
से कहा, "हमें आशा है कि वे हमारे अतिथि सत्कार का आनन्द ले पायेंगे जिसके लिए गोवा वासी
प्रसिद्ध हैं।" धर्मप्रांतीय प्रेरिताई के कार्यकारी सचिव फादर अंतोनी फर्नांडिस
ने कहा, "गोवा में 150 पुरानी पल्लियाँ हैं किन्तु कई कारणों से सभी पल्लियाँ आतिथ्य
सत्कार नहीं कर पायेंगे। हम आश्वस्त करने का प्रयास कर रहे हैं कि समस्त गोवा में अधिक
से अधिक परिवार अतिथियों को ठहरने के लिए जगह उपलब्ध करा सकें जिससे कि अधिक लोग इस ऐतिहासिक
अवसर का लाभ उठा सकें।" विदित हो कि भारतीय काथलिक कलीसिया में करीब 164 धर्मप्रांत
हैं। जिनमें प्रत्येक धर्मप्रांत से 20 प्रतिनिधि एकत्र होंगे। अबतक 120 धर्मप्रांतों
ने सम्मेलन में हिस्सा लेने की पुष्टि कर दी है। गोवा में करीब 8000 प्रतिनिधियों के
एकत्र होने का अनुमान किया जा रहा है। मालूम हो कि इस बड़े सम्मेलन का आयोजन भारतीय
काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के संरक्षण में एससीसी राष्ट्रीय सेवा समिति द्वारा किया
जाता है। एससीसी एक लघु ख्रीस्तीय समुदाय है जो बृहद विश्वासी समुदाय बनाने में बड़ा
योगदान देता है।