वाटिकन सिटी, शनिवार 9 नवम्बर 2013 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने 9 नवम्बर को संत
मार्था प्रार्थनालय में पावन ख्रीस्तयाग अर्पित किया। उन्होंने पावन ख्रीस्तयाग में
धर्मविधि पंचांग के अनुसार रोम के महागिरजाघर लातेरन के समर्पण पर्व पर उपदेश केंद्रित
करते हुए कहा, "लातेरन महागिरजाघर शहर एवं विश्व के सभी गिरजाघरों की माता है।" उन्होंने
पाठ पर आधारित तीन मुख्य बिन्दुओं पर भी चिंतन प्रस्तुत किया। पहले पाठ एवं स्तोत्र संख्या
45 में, नदी का जल जो मंदिर से बहता है तथा ईश्वर के लोगों को आनन्द प्रदान करता है।
संत पापा ने कहा कि यह कलीसिया के जीवन को पोषित करता है। दूसरे पाठ में कोरिथियों
को लिखे पत्र में संत पौलुस ख्रीस्त की तुलना पत्थर से करते हैं। ख्रीस्त वह पत्थर है
जिस पर कलीसिया की नींव टिकी है। तीसरे पाठ अर्थात सुसमाचार में मंदिर के शुद्धिकरण
पर प्रकाश डालते हुए संत पापा ने कलीसिया के सुधार की आवश्यकता बतायी क्योंकि कलीसिया
के सदस्य पापी हैं अतः निरंतर पश्चाताप करने की आवश्यकता है। संत पापा ने उपदेश
के अंत में विश्वासियों को से आग्रह किया कि वे कलीसिया के लिए प्रार्थना करें जिससे
कि कलीसिया से कृपा की धारा बहती रहे, यह ख्रीस्त में स्थापित एवं उनके प्रति विश्वस्त
बनी रहे तथा उनके सदस्य हमेशा ख्रीस्त का अनुसरण कर सकें।