मंगलोर, बुधवार 6 नवम्बर, 2013 (उकान) द्वितीय वाटिकन महासभा की स्वर्ण जुबिली समारोह
तथा विश्वास वर्ष के अवसर पर मंगलोर धर्मप्राँत में पूरी भारत करीब 600 पुरोहित धर्मसमाजी
और धर्मबहनों ने हिस्सा लिया।
इस अवसर पर बोलते हुए धर्माध्यक्ष थोमस डाबरे ने
कहा, "विश्वास हमारे जीवन की सर्वोच्च प्रमुखता है। हमारा जीवन विश्वास के वरदान से ही
प्रेरित होता और प्रज्वल्लित होता है।"
उन्होंने कहा कि विश्वास ईश्वर की ओर
से दिया गया सबसे बड़ा उपहार है और इसी से हमारा जीवन येसु की ओर केन्द्रित और समर्पित
रहता है।
धर्माध्यक्ष डाबरे ने कहा कि हमें चाहिये कि हमें हम अपने आप में विश्वास
करें साथ ही इसे दूसरों को भी बतलायें। विश्वास ईश्वर और पड़ोसियों के साथ हमारा संबंध
है। ऐसा करने से ही हमारा जीवन अर्थपूर्ण और विशेष होगा जैसा कि संत पापा फ्राँसिस का
जीवन है।
इसी अवसर पर बोलते हुए धर्माध्यक्ष अलोयसियुस पौल डीसूजा ने कहा कि
विश्वास को दूसरों को बाँटने से पूर्व हमें चाहिये कि हम अपने दिल में विश्वास का गहरा
अनुभव करें।