बगदाद, मंगलवार 5 नवम्बर 2013 (एशियान्यूज़): "निरंतर याद रखें कि आप पुरोहित हैं अतः
एकमात्र, विश्वव्यापी, पवित्र एवं अपोस्तोलिक कलीसिया की विशेष प्रेरिताई, जिसके लिए
आप बुलाये गये हैं उसपर चिंतन करने के लिए मैं आपको निमंत्रण देता हूँ," यह बात ख़लदाई
कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष रफाएल प्रथम मार लुइस साको ने ख़ालदेई कलीसिया के पुरोहितों
के नाम प्रेषित पत्र में लिखी। उन्होंने लिखा, "मुझे किसी से भय नहीं है तथा मैं अपनी
बुलाहट में विश्वस्त बना रहूँगा चाहे जितनी चुनौतियों एवं आलोचनाओं का सामना करना पड़े।
मेरा मानना है कि जीवन चुनौतीरहित नहीं हो सकता। कलीसिया मानव निर्मित संस्था नहीं है
और न ही ग़ैरसरकारी संगठन। यह उनसे बिलकुल भिन्न है क्योंकि इसके मूल में ख्रीस्त हैं।
कलीसिया की प्रकृति धार्मिक है एवं व्यापक। यदि यह आत्मकेंद्रित हो जाए तो अपनी पहचान
खो देगी।" प्राधिधर्माध्यक्ष का धर्मपत्र 31 अक्तूबर को प्रकाशित हुआ जिसका मोटो
एवं मुख्य बिन्दु है "आत्मा में प्रामाणिकता, एकता और नवीनीकरण तथा सत्य के साथ आत्मविश्वास
और आनन्द।" प्राधिधर्माध्यक्ष लुइस साको ने पुरोहितों से अपील की है कि वे सेवक बनें
न कि शासक। भले ही यह बुलाहट स्वर्ग से ही क्यों न हो। निश्चय ही, हम पूरी तरह से और
पूरे दिल से ख्रीस्त और उनकी कलीसिया के लिए समर्पित हों। अन्यथा हमारे समर्पण का कोई
अर्थ नहीं है! सच्ची मर्यादा सेवा में है तथा पुरोहिताई इस कार्य से किसी प्रकार छुटकारा
नहीं देती। अपने लिए, अपने भाइयों एवं विश्वासियों के लिए आपका साक्ष्य आनन्द, सहायता
एवं पोषण का कारण बने। आप धर्म बहनों के आध्यात्मिक पिता बनें। उनकी आशा है कि जो
यात्रा उन्होंने 9 महीनों पूर्व आरम्भ किया है वह फलप्रद होगी। उन्होंने पत्र में उन
सभी को धन्यवाद दिया है जिन्होंने उन्हें मिशन कार्य में किसी भी तरह से मदद पहुँचाई
है।