2013-10-28 13:22:33

संस्कार सौन्दर्य मात्र नहीं


वाटिकन सिटी, सोमवार 28 अक्तूबर, 2013 (सीएनए) विश्वास वर्ष के अवसर पर 26 अक्तूबर, शनिवार को रोम में के संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में ‘पारिवारिक जीवन की खुशी’ उत्सव में संत पापा फ्राँसिस विश्व भर एकत्रित विभिन्न परिवारों मुलाक़ात की।

हज़ारों की संख्या में एकत्रित लोगों को संबोधित करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "संस्कार जीवन का सौन्दर्य मात्र बढ़ाने के लिये नहीं हैं पर वे हमारे जीवन को शक्ति प्रदान करते हैं।"

वैवाहिक जीवन के बारे में बोलते हुए संत पापा ने कहा, "यह निश्चय ही कठिन है और इसीलिये हमें विवाह संस्कार की कृपा की ज़रूरत होती है।" और यह संस्कार समारोह मात्र नहीं है। ख्रीस्तीय दम्पति विवाह के बन्धन में बँधते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि इसकी ज़रूरत है।"

संत पापा ने कहा, "ख्रीस्तीय दम्पति इन बातों को जानते हैं कि वैवाहिक जीवन में समस्यायें और प्रलोभन आते ही हैं। पर वे ईश्वर और समाज के सम्मुख अपना दायित्व स्वीकार करने से नहीं घबराते। वे इससे नहीं कतराते, छिपते नहीं, वे परिवार बसा कर शिशुओं को जन्म देने की ज़िम्मेदारी से भी बचना नहीं चाहते हैं।"

संत पापा ने कहा कि ईश्वर की दया पर भरोसा रखते हुए दुनिया की हर ज़िम्मेदारी को निर्भय होकर उठाया जा सकता है।
संत पापा ने स्वीकार किया कि परिवारों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है विशेष करके युद्ध, गरीबी और बेरोजगारी की समस्या।

उन्होंने कहा, "येसु हमें वह प्रेम प्रदान करते हे जिससे हमारा आनन्द पूर्ण हो जायेगा। येसु ही उस आनन्द के स्रोत हैं। येसु हमें संस्कारों में अपना दिव्य वचन और जीवन की रोटी प्रदान करते हैं ताकि हमारा आनन्द पूर्ण हो।"
संत पापा ने ‘परिवार तीर्थयात्रा कार्यक्रम’ के तहत रोम में भारी संख्या में एकत्रित लोगों से कहा कि वे पारिवारिक जीवन में तीन छोटे वाक्यांशों का बराबर प्रयोग करें, ‘क्षमा करें’, ‘शुक्रिया’, और ‘मुझे खेद है’।
मालूम हो कि विश्वास वर्ष के अवसर पर रोम में पारिवार तीर्थयात्रा का आयोजन किया गया था जिसमें लोगों ने एक परिवार रूप में हिस्सा लिया जिसमें बच्चे और बुजूर्ग भी भारी उत्साह से सहभागी हुए।

प्रार्थना, शोभायात्रा, संगीत, के साथ विभिन्न कलाकारों ने कई कलाबाजियों से लोगों का मनोरंजन भी किया।








All the contents on this site are copyrighted ©.