2013-10-28 13:27:00

कलीसिया उनसे संवाद करे जो संस्कृति पर असर डालते


रोम, सोमवार, 28 अक्तूबर, 2013 (वीआर, अंग्रेज़ी) फिलीपीन्स की राजधानी मनीला के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल लुईस अंतोनियो तागले कहा, "परंपरागत पारिवारिक मूल्य परिवार को जीवित और संगठित रखते हैं पर ‘धार्मिक उदासीनता और मीडिया के प्रभाव’ से ‘परिवर्तन की हवा’ भी दिखाई देने लगी है।"

कार्डिनल तागले ने उक्त बात उस समय कही जब उन्होंने रोम में आयोजित विश्व परिवार सम्मेलन में हिस्सा लेने के दौरान वाटिकन रेडियो को एक भेंटवार्ता दी।

उन्होंने कहा कि ये परिवर्तन की हवा समाज के लिये खतरनाक हो सकती है पर उनका विश्वास है कि पारिवारिक स्रोत और परिवारिक संरचना बनी रहेंगी।

उन्होंने कहा कि ऐसे समय में कलीसिया को चाहिये वह उन लोगों के साथ संवाद करे जो ‘संस्कृति पर असर’ डालते हैं।

मनीला के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल तागले मानते हैं कि कलीसिया को चाहिये कि वह येसु के मानव चेहरे को लोगों को प्रस्तुत करे। उन्होंने कहा कि मानवता प्रगति के मार्ग पर अग्रसर हुई है इससे इससे आज के समाज और व्यक्ति को कई दर्द भी प्राप्त हुए हैं।

संत पापा फ्राँसिस का परम धर्माध्यक्षीय काल पर विचार व्यक्त करते हुए कार्डिनल तागले ने कहा कि संत पापा ने अन्य संत पापाओं की तरह ही चर्च की परंपराओं को बरकरार रखा है इसके साथ अपने व्यक्तिगत तौर-तरीकों से अपने दायित्वों को निभाया है जिस पर निश्चय ही उनके निजी जीवन की छाप है।

उन्होंने कहा, "संत पापा की विनम्रता और अपनी रेवड़ के करीब रहने की उनकी इच्छा का आम लोगों पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। और यही है एशिया में सुसमाचार का तरीका।"

कार्डिनल तागले ने कहा, "फिलीपींस के युवा संत पापा से प्रभावित हैं और चाहते है वे पोप से व्यक्तिगत रूप से मिलें। उन्होंने कहा कि यदि कलीसिया अपने को निराशावादी और जटिल प्रस्तुत करे तो इससे युवा दूर होते हैं पर यदि कलीसिया अपने को आनन्द और आशा प्रदान करनेवाले परिवार के रूप में प्रस्तुत करे तो वे इसे सुनने को तत्पर होते हैं।"












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