2013-10-25 13:05:11

संत पापा ने लोगों का ध्यान सुसमाचार की ओर खीँचने में सफल


वाटिकन सिटी, शुक्रवार 25 अक्तूबर, 2013 (सीएनए) संस्कृति के लिये बनी परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल ज्यानफ्राँको रवासी ने कहा कि प्रथम छः महीनों में संत पापा फ्राँसिस ने दुनिया को इस बात का स्पष्ट संदेश दिया है कि वह अपना ध्यान सुसमाचार पर लगाये।

कार्डिनल रवासी ने उक्त बात उस समय ही जब उन्होंने एजेन्सिया यूरोपा प्रेस को एक साक्षात्कार दिया। कार्डिनल रवासी ने कहा कि संत पापा ने प्रेरितिक स्तर पर सुधारवादी कदम तो उठाये ही हैं पर इससे अधिक महत्वपूर्ण है कि वे चाहते हैं कि ‘रोमन कूरिया’ में सुधार लायें और इसे ‘संरचना’ तथा विभागों तथा लोगों से मुक्त करें।

कार्डिनल ने कहा कि संत पापा ‘इयोर’ (वाटिकन बैंक) के प्रशासनिक और वित्तीय मामलों के नवीनीकरण में विशेष ध्यान दे रहे हैं क्योंकि विश्वास केवल आध्यात्मिक जीवन नहीं है या हम कहें मात्र आध्यात्मिकता नहीं है पर इसे आम लोगों के बीच में प्रकट करने की ज़रूरत है विशेष करके जनकल्याणकारी सेवाओं द्वारा।
कार्डिनल रवासी ने संत पापा की चर्चा करते हुए कहा कि पोप का लोगों के साथ संबंध में तीन बातें मुख्य हैं - आमलोगों की भाषा जैसा कि ट्वीट में पाते हैं, प्रतीकों और उदाहरणों का प्रयोग, जैसा कि उनका यह कहना कि कलीसिया एक क्षेत्रीय अस्पताल के समान है और लोगों के साथ उनका व्यक्तिगत लगाव।
अपने साक्षात्कार में उन्होंने बतलाया कि अगले साल नवम्बर माह में संस्कृति के लिये बनी वाटिकन परिषद बर्लिन में एक सभा का आयोजन करेगी जिसकी विषयवस्तु होगी स्वतंत्रता – ‘ईश्वर के साथ और उसके बिना’। इस सेमिनार में समाज, व्यक्ति और मानव जीवन आदि विषयों पर भी चर्चा की जायेगी। इस सभा में नास्तिकों और आस्तिक दोनों के साथ वार्ता के अवसर प्राप्त होंगे।
इसकी शुरुआत संत पापा ने एक इतालवी पत्रकार यूजेनियो स्कालफरी के साथ वार्ता के साथ खुद ही कर दिया है।
कार्डिनल ने बतलाया कि संस्कृति के लिये बनी परमधर्मपीठीय परिषद की चुनौती है डिजीटल युग में कला, विश्वास और विज्ञान के बीच सामंजस्य और वार्तालाप करना।










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