वाटिकन सिटी, बुधवार 23 अक्तूबर, 2013 (सेदोक, वी.आर.) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर
पर संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघऱ के प्राँगण में, विश्व
के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया।
उन्होंने
इतालवी भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, हम कलीसिया के संबंध
में धर्मशिक्षामाला को जारी रखते हुए कुँवारी माता मरिया पर चिन्तन करें।
द्वितीय
वाटिकन महासभा के अनुसार माता मरिया कलीसिया के लिये विश्वास, प्रेम और येसु के साथ एकात्मकता
की आदर्श हैx।(लूमेन जेनसियुम, 63) इस्राएल की पुत्री रूप में उन्होंने ईश्वर की आवाज़
को विश्वास के साथ ग्रहण किया और उनके पुत्र की माँ बनना स्वीकार किया।
माता
मरिया हमें सिखाती है कि हम विश्वास के साथ ईश्वर की इच्छा पूरी करें और येसु के प्रति
पूर्ण रूप से समर्पित होकर उसके कार्यों को आगे बढ़ायें।
माता मरिया उस प्रेम
की भी आदर्श है जो विश्वास से उत्पन्न होती है तथा जो लोगों के बीच येसु को प्रस्तुत
करती है।
माता मरिया अपनी अनवरत प्रार्थना और येसु के जीवन, दुःख, मृत्यु और
पुनरुत्थान जैसे रहस्यों में सहभागी होकर येसु के साथ अपने को एक करके समर्पित करने
की भी आदर्श है।
आज हम प्रार्थना करें कि माता मरिया अपनी विचवाई द्वारा हमें
येसु के करीब लाये और हमारे ह्रदयों को उदार बनाये ताकि हम येसु के मुक्तिदायी प्रेम
और कृपाओं से भर जायें । वे हमे प्रेरित करें कि हम ईशवचन पर दृढ़ विश्वास करें तथा हमारे
लिये और दुनिया के लिये ईश्वर की योजना को सहर्ष स्वीकार करें।
इतना कह कर,
संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की। उन्होंने परमधर्मपीठ के लिये स्थापित इंगलैंड
की ऑल पार्टी पार्लियामेन्टरी ग्रूप के सदस्यों का अभिवादन किया।
इसके बाद भारत,
इंगलैंड, इंडोनेशिया, थाईलैंड, डेनमार्क, नीदरलैंड आयरलैंड, फिलीपीन्स, ग्वाम, नोर्व,
स्कॉटलैंड. जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों, उपस्थित
लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को विश्वास में बढ़ने तथा प्रभु के प्रेम और दया का
साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।