2013-10-21 15:39:50

एकता आत्मा की सक्रियता का परिणाम


वाटिकन सिटी, सोमवार 21 अक्तूबर, 2013 (सेदोक, वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने लूथरन काथलिक एकता के लिये बनी आयोग के प्रतिनधियों की आमसभा को संबोधित करते हुए लूथरन काथलिक एकता की सराहना की।

उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में ईशशास्त्रीय मामलों में लूथरन काथलिक संबंधों में तेजी से प्रगति हुई ही है आपसी सहयोग तथा अन्तर कलीसिया आध्यात्मिक समर्पण में भी हुई प्रगति उत्साहवर्द्धक है।

संत पापा ने लूथरन काथलिक प्रतिनिधियों को उस समय संबोधित किया जब कमीशन के सदस्यों ने सोमवार को उनसे मुलाक़ात की। प्रतिनिधिमंडल में लूथरन वर्ल्ड फेडेरेशन और लूथरन काथलिक कमीशन के सदस्य शामिल थे।

संत पापा ने कहा कि आध्यात्मिक अन्तरकलीसियाई संबंध ही पूर्ण एकता के मार्ग का सार है।

संत पापा ने कहा, "हम विनम्र भाव से येसु के जितने करीब आयेंगे उतना ही हैं एक-दूसरे के करीब भी आयेंगे। जितनी ताकत से एकता के लिये प्रार्थना करेंगे ईश्वर हमें उतना ही करीब होने की कृपा प्रदान करेगा और हमारा मार्गप्रशस्त करेगा।"

उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 2013 लूथरन काथलिक वार्ता का पचासवाँ वर्ष है और पुनर्जागरण का 500वाँ वर्ष सन् 2017 में पूरा होगा। संत पापा ने कहा कि यह हमारा परम कर्त्तव्य है कि हम पुनर्जागरण संबंधी ऐतिहासिक बातों को वार्ता के भाव से देखें। आज काथलिक और लूथरन एक-दूसरे को उन बातों के लिये क्षमा करें जिसके द्वारा उन्होंने एक-दूसरे को क्षति पहुँचायी।

संत पापा ने आशा जतायी है कि वर्षो के आपसी संबंधों के अनुभवों और विश्वास से प्रेरित होकर हम एकता के पथ पर अग्रसर होते रहेंगे और जीवन के मानवीय और नैतिकता संबंधी मूल प्रश्नों का उत्तर खोजते रहेंगे।


संत पापा ने कहा कि विपत्तियों का समाधान करने के लिये हमें चाहिय - धैर्य, वार्तालाप और आपसी समझदारी।

संत पापा ने कहा हम डरें नहीं क्योंकि जैसा बेनेदिक्त सोलहवें कहा करते थे एकता हमारे प्रयासों का फल नहीं हैं पर आत्मा की सक्रियता का परिणाम है।हमें चाहिये कि हम आत्मा के प्रति खुले रहें ताकि वे मेलमिलाप और एकता के पथ में हमारी सहायता करे।
















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