ईसाक जोग्स का जन्म फ्राँस में, 10 जनवरी सन्
1607 ई. को, हुआ था। वे येसु धर्मसमाजी पुरोहित थे तथा मिशनरी कार्यों के लिये उत्तरी
अमरीका प्रेषित किये गये थे। फादर ईसाक जोग्स ने ही जॉर्ज झील को सर्वप्रथम यूरोपीय नाम
दिया था तथा उसे " लाक दु सेन्ट साक्रेमेन्त" अथवा लेक ऑफ ब्लेसेड साक्रामेन्ट कहकर पुकारा
था।
ईसाक जोग्स तथा उनके साथी रेने गुपिल ने उत्तरी अमरीका की हुरोन जनजातियों
के बीच सेवाकार्य किये किन्तु इस दौरान उन्हें हुरोन जनजाति के शत्रु इरोकोईस तथा मोहोक
जाति के लोगों ने बहुत अधिक उत्पीड़ित किया। कई बार इन मिशनरियों को इनकी यात्राओं पर
लूट लिया जाता था तथा रास्ते में अधमरा छोड़ दिया जाता था। कई बार उन्हें कड़ी से कड़ी
यातनाएँ दी जाती थी। इनके साथ साथ उन लोगों को भी प्रताड़ित किया जाता था जो इनके कार्यों
से प्रभावित होकर ख्रीस्तीय धर्म का आलिंगन कर लेते थे।
18 अक्टूबर, सन् 1646
ई. में, न्यू यॉर्क के आओरियुसविले के निकट मोहोक जाति के लोगों ने, ईसाक को उनके विश्वास
के कारण मार डाला था। ईसाक जोग्स, जाँ दे ब्रेब्यूफ तथा उनके साथ शहीद हुए छः अन्य मिशनरियों
को सन् 1930 ई. में सन्त घोषित कर कलीसिया में वेदी का सम्मान प्रदान किया गया था। फादर
ईसाक जोग्स को छोड़कर सभी अन्य शहीद लोकधर्मी विश्वासी थे। इन्हीं को "उत्तरी अमरीका
के शहीद" कहकर पुकारा गया है। सन्त ईसाक जोग्स तथा उनके साथी शहीदों का स्मृति दिवस 18
अक्टूबर को मनाया जाता है।
चिन्तनः "धन्य हैं वे जो धार्मिकता के कारण अत्याचार
सहते हैं, स्वर्गराज्य उन्हीं का है" (मत्ती 5: 10)