जाकार्ता, बृहस्पतिवार, 17 अक्तूबर 2013 (एशियान्यूज़): पूर्वी जाकार्ता के सिपेयुंग
स्थित एक काथलिक पल्ली कलवारी में धमकी पूर्ण नारा लिखा हुआ एक बैनर पाया गया है। स्थानीय
समुदाय का मानना है कि यह लोगों को भड़का और डरा कर, वर्षों से मुस्लमानों एवं ख्रीस्तीयों
के बीच विद्यामान सौहार्दपूर्ण संबंध में दरार लाने की एक साजिश है। बैनर जामी उल
उमर मस्जिद के मुख्य द्वार की ओर जाने वाले मार्ग पर लगाया गया था। जिसपर लिखा था," सिपेयुंग
समुदाय स्थानीय ग़ैरकानूनी रुप से निर्मित गिरजाघरों का बहिष्कार करती है तथा सरकार से
अनुरोध करती है कि वह शीघ्र समस्या का समाधान ढूँढ़े।" यद्यपि स्थानीय लोग इन
ख़तरों को जगह देना नहीं चाहते तथापि कट्टर पंथियों के आक्रमण से बचने का कोई रास्ता
न देखते हुए असहाय और निष्क्रिय हैं। उनकी आशा है कि कानून की सहायता लेकर धार्मिक स्वतंत्रता
की सुरक्षा हेतु पल्ली पुरोहित इस मुद्दे को सुलझा सकते हैं। एशियान्यूज़ को एक सूत्र
ने बताया कि बैनर लोगों को भड़काने के लिए लगाया गया है ताकि दोनों समुदायों के बीच वर्षों
से राज कर रही आपसी सद्भावना कमजोर पड़ जाए। पल्ली पुरोहित मार्टिन हडीविजावा ने
कहा कि इस प्रकार के भड़कावे को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह कट्टर पंथियों
द्वारा अत्याचार के वास्तविक अभियान का द्वार खोल सकता है। उन्होंने सभी लोगों का आहवान
किया कि संविधान में निहित ‘मौलिक अधिकारों की रक्षा करने हेतु आगे आयें तथा कानूनी कारवाई
का सहारा लेकर सांप्रदायिक हिंसा फैलाने वालों का विरोध करें। ज्ञात हो कि इंडोनेशिया
विश्व का सबसे अधिक मुसलिम जनसंख्या वाला देश है। संविधान धार्मिक स्वतंत्रता के सिद्धांत
पर आधारित है इसके बावजूद यदा-कदा अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हिंसा होती रहती है।