2013-10-16 12:03:37

प्रेरक मोतीः सन्त जेरार्द मायेल्ला (1726-1755)


वाटिकन सिटी, 16 अक्टूबर सन् 2013:

सन्त जेरार्द एक रिडेम्ट्रिस्ट धर्मसमाजी काथलिक धर्मबन्धु थे जिन्हें गर्भवती माताओं का संरक्षक घोषित किया गया है। जेरार्द का जन्म इटली के मूरो में सन् 1726 ई. को हुआ था। 23 वर्ष का आयु में वे उद्धारकर्त्ता येसु ख्रीस्त को समर्पित रिडेम्ट्रिस्ट धर्मसमाज में भर्ती हो गये थे तथा सन् 1752 ई. में उन्होंने इस धर्मसमाज के धर्मबन्धु रूप में शपथ ग्रहण की थी।

ब्रदर जेरार्द ने गिरजाघर के द्वारपाल, माली, रिपेन्शनिस्ट, चौकीदार, नर्स एवं दर्जी रूप में धर्मसमाज को अपनी सेवाएँ अर्पित कीं। उनके धर्मनिष्ठ एवं पवित्र जीवन, असाधारण प्रज्ञा तथा अन्तःकरणों को पढ़ने के वरदान के कारण ब्रदर जेरार्द को धर्मबहनों के समुदायों एवं महिलाओं के धार्मिक संगठनों के परामर्शदाता एवं आध्यात्मिक मार्गदर्शक नियुक्त कर दिया गया था।

विनीत और विनम्र प्रभु सेवक ब्रदर जेरार्द आत्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण थे। अपनी प्रखर मनःशक्ति के कारण उनमें भी, रहस्यवादी सन्तों के सदृश, आकाशगामिता अर्थात् ऊपर की ओर हवा में उठ जाने तथा दो स्थलों पर एक साथ रहने का क्षमता थी। उनकी उदारता, आज्ञाकारिता, निःस्वार्थ सेवा तथा प्रभु ख्रीस्त के लिये अनवरत आत्मदमन ने उन्हें लोकधर्मी एवं धर्मसंघी धर्मबन्धुओं का परम आदर्श बना दिया है। तपेदिक रोग से ग्रस्त होने के कारण, 29 वर्ष की आयु में ही, सन् 1755 ई. में, रिडेम्ट्रिस्ट धर्मसमाजी धर्मबन्धु, ब्रदर जेरार्द मायेल्ला का निधन हो गया। उनका पर्व 16 अक्टूबर को मनाया जाता है।

प्रसव पीड़ा से गुज़रती एक महिला ने सन्त जेरार्द से प्रार्थना की थी तथा चमत्कार होते देखा था तब से सन्त जेरार्द को गर्भवती माताओं का संरक्षक घोषित कर दिया गया है।



चिन्तनः उदारता, आज्ञाकारिता तथा निष्काम कर्म हेतु सन्त जेरार्द हमारी प्रेरणा के स्रोत बने।








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