वाटिकन सिटी, सोमवार 14 अक्तूबर, 2013(सीएनए) संत पापा फ्राँसिस ने संत पेत्रुस महागिरजाघर
के प्राँगण में एकत्रित हज़ारों लोगों को रविवारीय देवदूत प्रार्थना संदेश के पूर्व दिये
गये संदेश में स्पेन के 522 पुरोहितों, धर्मसमाजियों और लोकधर्मी शहीदों के लिये ईश्वर
को धन्यवाद दिया।
मालूम हो कि स्पेन के शहीदों की धन्य घोषणा समारोह के लिये तर्रागोना
में एकत्रित लोगों को 13 अक्तूबर को अपने वीडियो संदेश में कहा कि वे एकत्रित विश्वासियों
के साथ हैं।
संत पापा ने कहा कि वे शहीदों की साहसिक साक्ष्य के लिये ईश्वर की
स्तुति करते हैं और याचना करते हैं कि वे इस दुनिया को हर तरह की हिंसा से मुक्त करें।
विदित हो कि स्पेन के ईसाइयों को उस समय मार दिया गया जब सन् 1930 ईस्वी स्पेन
गृहयुद्ध की चपेट में आ गया। इस समय कई लोग अपने विश्वास की रक्षा के लिये ख्रीस्तीय
विरोधी हिंसा के शिकार हो गये।
संत पापा ने कहा, "शहीद कौन है? शहीद वे ख्रीस्तीय
है जो ख्रीस्त के द्वारा विजय प्राप्त कर चुके हैं जो ऐसे शिष्य हैं जिन्होंने ‘मृत्यु
तक प्रेम’ का अर्थ समझते हैं। इसी प्रेम ने येसु को भी क्रूस की मृत्यु दिलाया था।"
संत
पापा ने कहा, "प्रेम वितरण करने की चीज नहीं न ही प्रेम का कोई भाग नहीं होता, पूर्ण
प्रेम अंतिम तक प्रेम में बना रहता है। क्रूस में येसु के लिये मृत्यु का भार, पाप का
भार असहनीय था पर उन्होंने पूर्ण रूप से ईश्वर पर भरोसा किया और सबको क्षमा प्रदान की।"
उन्होंने कहा, "शहीदों ने येसु और उसके दुःख को गले लगाया। येसु हमसे प्रेम करते
हुए हमें पहले स्थान में रखते हैं। शहीदों ने भी ऐसा ही किया और येसु के प्रेम को अंतिम
घड़ी तक पहले स्थान में रखा।"
संत पापा ने उपस्थित लोगों से कहा कि वे हम उनके
उदाहरणों पर चलें। हम रोज दिन अपने स्वार्थ से ऊपर उठने, अपनी चिन्ता करने, अपने सुस्तीपन
और निराशा से ऊपर उठें और अपने को ईश्वर के निकट रखें, दूसरों के पास जायें विशेष करके
जो ज़रूरतमंद हैं।
अपने प्रति मर जाना इस बात के लिये आमंत्रित करता है कि हम
नकली ख्रीस्तीयता को नकार दें जिसमें कोई गहराई नहीं है।
संत पापा ने कहा, "हम
शहीदों की मध्यस्थता द्वारा प्रार्थना करें कि हमें सच्चे ईसाई बने, हम कर्म से ईसाई
बने वचन से सिर्फ़ नहीं, कामचलाउ ख्रीस्तीय नहीं, दिखावे के ख्रीस्तीय नहीं पर ख्रीस्तीय
मृत्यु तक को गले लगाने वाले ख्रीस्तीय।"