2013-10-11 17:27:31

ओडीशा के सबसे ज़्यादा प्रभावित होने की आशंका: मौसम विभाग


भुवनेश्वर शुक्रवार, 11 अक्तूबर, 2013 (बीबीसी) समुद्री तूफ़ान फ़ैलिन से दक्षिणी ओडीशा के सर्वाधिक प्रभावित होने की आशंका है. तूफ़ान की वर्तमान दिशा उत्तर-पश्चिम है। इसलिए इस तूफ़ान के ओडीशा के बाद छत्तीसगढ़ की तरफ़ बढ़ने की संभावना है।
भुवनेश्वर के मौसम विभाग के निदेशक शरत साहू ने बीबीसी से कहा, "समुद्री तूफ़ान 12 अक्तूबर की शाम को उत्तरी आंध्र प्रदेश और ओडीशा के पास से गुज़रेगा."साहू के अनुसार, "ओडीशा से गुज़रते हुए इस तूफ़ान की गति 210 से 220 किलोमीटर तक रहने की संभावना है. तट के क़रीब आने पर ठीक-ठीक पता चलेगा कि तूफ़ान की तीव्रता कितनी है।"
इस रफ्तार के तूफ़ान से कच्चे मकान, पुरानी इमारतें, रेलरोड ट्रैफ़िक, बिजली के खंभे प्रभावित हो सकते हैं। इसके अलावा इसकी वजह से बाढ़ आने और खेती को भी भारी नुक़सान पहुँचने की आशंका है।
साल 1999 में 29 अक्तूबर को तूफ़ान आया था जिसकी रफ़्तार 250 से 260 किलोमीटर प्रति घंटा थी. इसकी वजह से क़रीब 10,000 लोग मारे गए थे।
इस तूफ़ान की दिशा के आधार पर दक्षिणी ओडीशा के गंजाम ज़िले के गोपालपुर, कंधमाल ज़िले के फूलबानी और सोनपुर ज़िले के सर्वाधिक प्रभावित होने की आशंका है. इऩ इलाकों में क़रीब दो से तीन लाख लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं।
समुद्री तूफ़ान फ़ैलिन के और मज़बूत होने के कारण तटीय आंध्र प्रदेश और ओडीशा के 23 ज़िलों में ख़तरा बढ़ गया है. इस कारण इलाक़े में शुक्रवार से लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया गया है।
भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि शुक्रवार तड़के भारतीय समयानुसार 2.30 बजे तूफ़ान का केंद्र पारादीप तट से दक्षिण-पूर्व में क़रीब 590 किमी की दूरी पर बना हुआ था। शनिवार शाम तक फ़ैलिन के कलिंगापट्टनम और पारादीप तट को पार करने की संभावना है.
मौसम विभाग ने तटीय इलाक़ों से लोगों को पूरी तरह से निकालने का सुझाव दिया है।
तूफ़ान के कारण तटीय इलाक़ों में 205 से 215 किमी प्रति घंटा की गति से हवाएं चल सकती हैं, जिसके कारण ओडीशा और तटीय आंध्र प्रदेश में भारी तबाही मच सकती है।
दोनों राज्यों में आपातकालीन स्थिति से निपटने और राहत कार्य के लिए सेना को तैयार रहने के लिेए कहा गया है।
इन इलाक़ों में शुक्रवार की सुबह से 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चल रही है. फ़ैलिन के क़रीब आने के साथ ही हवाओं की गति बढ़ेगी और शनिवार की शाम तक इनकी गति 215 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है.
पिछले साल नवंबर में आए नीलम तूफ़ान के कारण तटीय इलाक़ों में भारी तबाही मची थी. लेकिन माना जा रहा है कि फ़ैलिन तूफ़ान नीलम से ज्यादा ताक़तवर है. इस कारण भारी तबाही की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
पटनायक ने रक्षा मंत्री को पत्र लिखकर आपदा से निपटने के लिए सेना को तैयार रखने को कहा है.








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