वाटिकन सिटी, बुधवार 9 अक्तूबर, 2013 (सेदोक, वी.आर.) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर
पर संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघऱ के प्राँगण में एकत्रित
हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया।
उन्होंने इतालवी
भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, प्रेरितों के धर्मसार में
हम ख्रीस्तीय इस बात की घोषणा करते हैं कि कलीसिया ‘काथलिक’ है। इसका अर्थ है काथलिक
कलीसिया विश्वव्यापी है। काथलिक कलीसिया की विश्वव्यापकता को हम तीन तरह से समझ सकते
हैं।
पहला, काथलिक कलीसिया विश्वव्यापी है क्योंकि यह प्रेरितिक विश्वास की पूर्ण
घोषणा करती है। कलीसिया ही वह स्थान है जहाँ हमारा मिलन संस्कारों में येसु के साथ होता
है और कलीसिया के अन्य भाई-बहनों के साथ पवित्रता में बढ़ते तथा अन्य आध्यात्मिक वरदान
प्राप्त करते हैं।
दूसरा, कलीसिया सार्वभौमिक है क्योंकि यह पूरी मानव जाति का
आलिंगन करती है और उसका मिशन है कि पूरी दुनिया को सुसमाचार की सत्यता और मुक्ति के आनन्द
को बतलाना।
तीसरी और अंतिम बात यह है कि काथलिक कलीसिया ईश्वर के विभिन्न वरदानों
को एक साथ जोड़ती है ताकि लोगों के बीच एकता और सद्भावना बढ़े।
आइये हम ईश्वर
से प्रार्थना करें कि वह हमें और अधिक विश्वव्यापी बनाये, हम एक परिवारिक सूत्र में बंधें,
विश्वास और प्रेम में विकसित हों, लोगों के येसु और कलीसिया के प्रेम का रसास्वादन करायें
और प्रत्येक के वरदानों एवं योगदानों को स्वीकार करें ताकि सब मिलकर ईश्वर की दयालुता,
कृपा और मुक्तिदायी प्रेम का महिमागान कर सकें।
इतना
कह कर संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की। उन्होंने परमधर्मपीठीय बेदा के विद्यार्थियों
का स्वागत किया।
इसके बाद इंगलैंड, इंडोनेशिया, डेनमार्क, आयरलैंड, स्वीडेन,
घाना, नाइजीरिया, फिलीपींस, स्कॉटलैंड. जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और देश-विदेश
के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को विश्वास में बढ़ने तथा
प्रभु के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।