असीसी, इटली, 4 अक्तूबर, 2013 (सेदोक, वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने इटली के असीसी के सेराफिको
संस्थान में अपंग बच्चों और उनकी सेवा करने वालों से मुलाक़ात की उपस्थित प्रत्येक बच्चे
को गले लगा कर आशीर्वाद दिया।
वाटिकन रेडियो अंग्रेजी समाचार के अनुसार संत
पापा ने प्रत्येक बच्चे का स्पर्श किया उनके माथे पर क्रूस का चिह्न बनाया और गाल में
चुम्बन देकर अपना स्नेह दिखलाते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।
मालूम हो
कि 4 अक्तूबर को संत फ्राँसिस असीसी का त्योहार मनाया जाता है। आज संत पापा बड़े सवेरे
अपनी एक-दिवसीय प्रेरितिक दोरा के तहत् असीसी पहुँच जहाँ स्थानीय अधिकारियों ने उनका
भव्य स्वागत किया।
संत पापा ने कहा कि बच्चों में जो बीमारी के दाग है उन्हें
ठीक उसी तरह से पहचानने और उनकी बातों को सुनने की ज़रूरत है जैसा कि पुनरुत्थान के बाद
चेलों ने येसु को पहचाना था।
संत पापा ने यूखरिस्त संस्कार और ‘टबरनकल’ (पवित्र
तम्बु) की ओर इंगित करते हुए कहा, "येसु ने बड़े ही नम्रता से रोटी के रूप में हमारे
बीच उपस्थि होना चाहा और आज येसु इन बच्चों और युवाओं में छिपे हुए हैं।"
संत
पापा ने कहा, "एक ख्रीस्तीय येसु की आराधना करता, येसु की खोज करता, और यह जानता है कि
घावों में येसु की कैसे पहचान करनी है। जब येसु मसीह जी उठे तो वे सुन्दर थे। उनके शरीर
पर घावों के निशान नहीं थे। पर वे चाहते थे कि उन घावों को वे बनाये रखें और सबों को
स्वर्ग ले चलें।"
संत पापा ने कहा, "येसु के घाव यहाँ है स्वर्ग में नहीं। हम
येसु के घावों की चिन्ता इस दुनिया में करें स्वर्ग में नहीं। येस स्वर्ग से हमें इन
घावों को दिखलाते रहते हैं और हमें बतलाते हैं कि येसु हमारा इन्तज़ार कर रहे हैं।"