अमानवीय परिस्थितियो में काम कर रहे हैं नेपाली श्रमिक
कतार, वृहस्पतिवार 27 सितंबर, 2013 (उकान) कतार में सन् 2022 में होने वाले विश्व फुटबॉल
प्रतियोगिता की तैयारी के लिये कतार में कार्यरत कई नेपाली श्रमिकों की मौत हो गयी है
। ‘द गार्डियन’ समाचारपत्र के एक अन्वेषक दल ने उक्त बात की जानकारी देते हुए बतलाया
कि हाल के दिनों में कई नेपाली श्रमिकों की मौत ह्रदय की गति रुक जाने से हो गयी।
रिपोर्ट
में बतलाया गया कि पिछले गर्मी में प्रत्येक दिन एक नेपाली की मृत्यु ह्रदय की गति रुक
जाने से हुई। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने नेपाली श्रमिकों की हालत ‘आधुनिक गुलामों’
के समान कहा है।
दोहा स्थित नेपाली दूतावास से प्राप्त जानकारी के अनुसार 4 जून
से 8 अगस्त, 2013 तक 44 नेपालियों की मौत हो चुकी है। इनकी मृत्यु ह्रदय की गति रुकने
या कार्यस्थल में हुई दुर्घटना के कारण हो गयी।
जाँच-पड़ताल कर रही समिति ने अपने
रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया कि नेपाली श्रमिकों की हालत बेगारी या जबरन मजदूरी
कराने के समान है।
कई श्रमिकों ने बतलाया कि उन्हें लगातार मजदूरी नहीं दी जाती
है इस भय से कि वे भाग न जायेँ। कई लोगों ने अपने मालिकों पर आरोप लगाया है कि उनके पासपोर्ट
छीन लेते और उन्हें पहचान पत्र भी नहीं देते और इस तरह उनकी स्थिति ग़ैरकानूनी प्रवास
के समान है।
कई अन्य श्रमिकों ने इस बात की जानकारी दी कि उनके मालिक दोहा के
रेगिस्तान में उनके लिये पीने के जल की व्यवस्था नहीं करते।
नेपाली दूतावास ने
यह भी बताया कि अपने मालिकों के निष्ठुर व्यवहार से तंग आकर करीब 30 श्रमिकों ने दूतावास
में शरण ले रखा है।
श्रमिकों ने बतलाया कि वे अपने देश लौटना चाहते हैं पर उनके
मालिकों के समक्ष वे असहाय हैं।अन्वेषक दल की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के अमीरतम देशो
में एक – कतार, एक अत्यन्त गरीब देश नेपाल के साथ घोर अन्याय कर रहा है।