2013-09-26 11:26:14

वाटिकन सिटीः दैनिक जीवन में येसु को जानना ज़रूरी, सन्त पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, 26 सितम्बर सन् 2013 (सेदोक, वी.आर.): "प्रभु येसु को जानने के लिये प्रतिदिन के जीवन में उनके आदेशों का वरण ज़रूरी है", यह बात सन्त पापा फ्राँसिस ने, गुरुवार को, वाटिकन स्थित सन्त मर्था प्रेरितिक आवास के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग के अवसर पर कही।
सन्त पापा ने कहा, "समस्याओं के बिना प्रभु येसु से परिचित नहीं हुआ जा सकता बल्कि येसु का मार्ग कठिनाइयों से भरा है। प्रथम श्रेणी में रहकर प्रभु येसु को नहीं जाना जा सकता, येसु को जानने के लिये ज़रूरी है अपने दैनिक जीवन में येसु के आदेशों को आत्मसात करना।"
सन्त पापा ने कहा कि अपनी बुद्धि से, अध्ययन के द्वारा तथा धर्मशिक्षा के माध्यम से, येसु को हम जान सकते हैं किन्तु यह पर्याप्त नहीं है अपितु हृदय से येसु के साथ वार्तालाप अनिवार्य है। उन्होंने कहा, "येसु को सम्वाद में जानना ज़रूरी है, घुटने टेककर प्रार्थना में उनके साथ बातचीत आवश्यक है। यदि आप प्रार्थना नहीं करते, येसु से बातचीत नहीं करते तो उन्हें कभी भी जान नहीं सकेंगे।"
सन्त पापा ने कहा कि येसु को जानने के लिये प्रार्थना के साथ-साथ समर्पण की ज़रूरत है। धर्मग्रन्थ क्या कहते हैं? कलीसिया क्या कहती है? वह सुनने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ईश वचन का श्रवण तथा जीवन में उसका वरण ही हमें येसु का ज्ञान कराता है।








All the contents on this site are copyrighted ©.