भुवनेश्वर, वृहस्पतिवार 26 सितंबर, 2013 (उकान) ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा
है कि जमीन संबंधी भूमि अधिग्रहण विधेयक के संसद में पारित हो जाने से आदिवासियों और
कृषकों के जमीन के बलपूर्वक कब्ज़ा किये जाने पर रोक लग जायेगी।
उक्त बात की
जानकारी देते हुए ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने बुधवार 25 सितंबर को टाइम्स ऑफ़
इंडिया को बतलाया कि देश में इस बिल के पारित हो जाने से पहली बार बलात् भूमि अधिग्रहण
पर लगाम लगाया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि यह विधेयक ऐतिहासिक और क्राँतिकारी
है। इस विधेयक के पारित होने से आदिवासी जमीन के मामले में कहीं भी पुलिस फाईरिंग नहीं
होगी। इस विधेयक में जमीन की मुआवजे राशि को भी बढा दिया गया है। मालूम हो कि भूमि अधिग्रण
अधिनियम को संसद की मौनसून सत्र में पास किया गया है।
उन्होंने बतलाया कि जब
सरकार ग्रामीण क्षेत्रों की जमीन अधिग्रहण करना चाहेगी तो उसे जमीन के बाज़ार भाव से
चार गुणा ज़्यादा मूल्य देना होगा और यदि आदिवासियों की ज़मीन शहरी क्षेत्रों में हो
तो सरकार बाज़ार भाव से दोगुणा ज़्यादा मूल्य अदा करेगी।
मंत्री महोदय ने ओडिशा
के नियमगिरि खदान योजना का उदाहरण देते हुए कहा कि लोगों ने इस योजना का जमकर विरोध किया
हैं। अब सरकार को जमीन अधिग्रहण करने के लिये ग्राम सभा की सहमति आवश्यक होगी।
इसी
प्रकार अन्य दूसरे क्षेत्रों के लिये भी सरकार को स्थानीय लोगों की सहमति लेना अनिवार्य
कर दिया गया है।
इसमें बतलाया गया है कि व्यक्तिगत योजनाओं के तहत् जमीन अधिग्रहण
के लिये स्थानीय लोगों का 80 प्रतिशत और निजी-सरकारी योजनाओं के लिये 70 प्रतिशत लोगों
की स्वीकृति की आवश्यकता होगी।